Cheat Meal: सख्त डाइट फॉलो करने वाले क्यों खाते हैं चीट मील, पढ़ें क्या हैं इसके फायदे

सख्त डाइट फॉलो करते समय जंक और फास्ट फूड की क्रेविंग बढ़ जाती हैं। इस स्थिति में लोग चीट मील का सहारा लेते हैं, जिससे खाने की तीव्र इच्छा को शांत किया जा सके। यह उपाय हेल्दी डाइट को बनाए रखने में मदद करता है और संतुलन बनाता है।

HIGHLIGHTS

  1. चीट मील हेल्दी डाइट का मनोवैज्ञानिक ब्रेक प्रदान करता है।
  2. हैप्पी हार्मोन रिलीज कर खुशी का एहसास दिलाता है।
  3. क्रेविंग को शांत करने और बिंज ईटिंग को रोकता है।

मैगजीन डेस्क, इंदौर। जब कोई सख्त डाइट फॉलो करता है, तो जंक और फास्ट फूड जैसे खाने की क्रेविंग बढ़ सी जाती है। ऐसे में लोग चीट मील लेते हैं, जिससे उनके खाने की तीव्र इच्छा को शांत किया जा सके और हेल्दी डाइट फॉलो करने में रुकावट न आए।

क्या है चीट मील?

रेगुलर हेल्दी डाइट से हट कर प्लानिंग के तहत बिना किसी नियम के अपने स्वादानुसार पसंद का खाना खाने को चीट मील कहते हैं। चीट शब्द असल में हेल्दी डाइट को चीट करने के लिए कहा गया है, लेकिन सच्चाई ये है कि ये एक प्रकार की ट्रीट मील है, जो आप खुद को देते हैं। यह आपको हेल्दी सख्त डाइट को हमेशा फॉलो करने के लिए प्रेरित करती है।

क्यों लेते हैं लोग चीट मील?

ये बिंज ईटिंग को खत्म करता है, क्रेविंग को शांत करता है और सख्त डाइटिंग से मेंटल ब्रेक देता है, जिससे किसी विशेष डाइट के प्रति अरुचि पैदा होने लगती है। फिर भी चीट मील में भी कैलोरी काउंट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

  • चीट मील ब्रेन में हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे खुशी का एहसास होता है।
  • चीट मील डाइटिंग को लंबे समय तक चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
  • ये मेटाबोलिज्म भी बढ़ाते हैं।
  • ये एक प्रकार का साइकोलॉजिकल ब्रेक है, जिससे संतुष्टि मिलती है और आगे भी हेल्दी डाइट फॉलो करने की प्रेरणा मिलते रहती है।
  • आमतौर पर इस दौरान लोग अनहेल्दी हाई कैलोरी और हाई शुगर युक्त आहार लेते हैं, जिसकी सीमित मात्रा जरूर तय करनी चाहिए।
  • ये कंफर्ट मील की तरह होते हैं क्योंकि इसके सेवन के बाद इंसान को एक सुकून भरी राहत मिलती है। ये इंसान के हार्मोन को रीसेट कर के मेटाबोलिज्म और इस्नुलिन रेगुलेशन को कंट्रोल करता है।

चीट मील के दौरान न करें ये गलतियां

  • बिना कैलोरी गिने खाते जाना
  • चीट मील की चीट डे बना देना
  • एक्सरसाइज या वर्कआउट न करना
  • आए दिन चीट मील लेते रहना
  • रात के समय हैवी चीट मील खाना
  • खाने के बाद गिल्ट में आकर एक्स्ट्रा वर्कआउट, कार्डियो या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग न करने लगें। इससे खाने और आपके ब्रेन के बीच एक खराब रिलेशन बनेगा, जो कि हर बार आपको चीट मील खाने के दौरान गिल्ट का एहसास कराएगा। इससे ईटिंग डिसऑर्डर होने की संभावना बढ़ जाती है।

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