World Asthma Day 2024: घबराएं नहीं समय से उपचार हो तो पूर्णत: संभव है अस्थमा का निदान
HIGHLIGHTS
- बार-बार एलर्जी हो रही है तो अस्थमा का संकेत।
- बच्चे से लेकर वृद्ध तक होते हैं प्रभावित।
- सांस से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ाना है उद्देश्य।
World Asthma Day 2024: हर साल अस्थमा के बारे में और इसके इलाज को और बेहतर बनाने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। अस्थमा श्वांस प्रणाली की एक गंभीर बीमारी है, जिसमें सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सांस लेने पर सीटी जैसी आवाज आना, जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। अस्थमा को मैनेज करने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में काफी सुधार करने की जरूरत होती है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि मोटापे और अस्थमा के बीच गहरा कनेक्शन है। जी हां, मोटापे की वजह से अस्थमा के लक्षण और गंभीर हो सकते हैं और अगर यह बीमारी नहीं है, तो होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
अस्थमा शिक्षा सशक्तिकरण है इस वर्ष की थीम
विश्व अस्थमा दिवस 2024 की थीम ग्लोबल इनिशिएटिव फार अस्थमा (जीआइएनए) की ओर से अस्थमा शिक्षा सशक्तीकरण रखी गई है। इस दिन अस्थमा प्रबंधन कार्यक्रमों के विकास और कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करने और इंप्लीमेंटेशन के लिए दुनियाभर के देशों के साथ बातचीत की जाती है और इस दिशा में काम को आगे बढ़ाया जाता है। जानकारी की कमी के चलते कई लोग मानते हैं कि अस्थमा छूने से फैलता है, जो कि बिल्कुल भी सच नहीं है। ऐसे में अस्थमा के रोगियों की सही देखभाल के लिए जरूरी है सभी को इस बीमारी को लेकर जागरूक करना।
सांस से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ाना है उद्देश्य
इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1998 में हुई थी और पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से इसे ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा ने मनाया था। 1998 में ही 35 से ज्यादा देशों ने इस दिन को मनाया था। इसी के बाद से दुनियाभर में सांस से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ाने और अस्थमा के बारे में शिक्षा फैलाने के मकसद से हम इसे हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को मनाते आ रहे हैं।
बार-बार एलर्जी अस्थमा का संकेत
अस्थमा को सामान्य भाषा में दमा भी कहते हैं। यह एक प्रकार से फैफडों की एलर्जी है। इस बीमारी में श्वांस नली में सिकुड़न आ जाती है। रात में खांसी अधिक आती है। अगर बार-बार एलर्जी हो, सांस फूले और रात में खांसी अधिक आए तो तुरंत डाक्टर से मिलें और उपचार कराएं। समय से उपचार शुरू होने पर अस्थमा पूरी तरह ठीक हो सकता है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। लोगों को जागरूक होना चाहिए। परिवार में अगर किसी को भी बार-बार खांसी आए तो परिजन ध्यान दें और डाक्टर से मिलें।
डा. ऋषि डावर, पल्मोनोलाजिस्ट
बच्चे से लेकर वृद्ध तक होते हैं प्रभावित
अस्थमा एक श्वसन संबंधी समस्या है, जिसमें फेफड़े में वायु पहुंचाने वाली ट्यूब्स, जिन्हें ब्राकियल ट्यूब कहते हैं उनमें एलर्जी होने के कारण सूजन आ जाती है। पीड़ित में सांस फूलना, खांसी, फेफड़ों से सीटी जैसी आवाज आना जैसी समस्याएं देखी जाती है। यह मूलत: एलर्जी का एक प्रकार है। इस समस्या से बच्चे से लेकर वृद्ध तक प्रभावित होते है। अस्थमा का रोग अनुवांशिक भी होता है।
डा. दीपक शुक्ला, पल्मोनोलाजिस्ट