इंस्टेंट कॉफी या फिल्टर कॉफी में कौन है बेहतर, हेल्थ बेनिफिट्स के लिए किसे चुनेंगे आप
कॉफी एक व्यापक रूप से लोकप्रिय पेय है, जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, यह पुरानी बीमारियों से बचाने में मदद करता है, संज्ञानात्मक कार्य में सुधार करता है और चयापचय को बढ़ाता है, जिससे यह संतुलित जीवन शैली के लिए एक स्वस्थ अतिरिक्त बन जाता है। दो लोकप्रिय प्रकार की कॉफी यानी इंस्टेंट कॉफी और फ़िल्टर कॉफी के बीच के अंतर का अन्वेषण करें।
HIGHLIGHTS
- कॉफी की स्फूर्तिदायक सुगंध और स्वाद ने लाखों लोगों के दिलों को मोह लिया है।
- इंस्टेंट कॉफी और फिल्टर कॉफी में क्या अंतर होते हैं, जानिए कौन सी पीनी चाहिए।
- इंस्टेंट कॉफी और फिल्टर कॉफी का सबसे बड़ा अंतर उसे बनाने की विधि से जुड़ा है।
डिजिटल डेस्क, नईदिल्ली। कई लोग अपने दिन की शुरुआत एक कप कॉफी से करते हैं। दुनिया भर में पसंद की जाने वाली कॉफी की स्फूर्तिदायक सुगंध और स्वाद ने लाखों लोगों के दिलों को मोह लिया है। इसके अलावा, मध्यम कॉफी सेवन को कई स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा गया है।
इसमें बेहतर कॉग्निटिव फंक्शन्स, अच्छा मेटाबॉलिज्म और हार्ट की बेहतर स्थिति शामिल हैं। बड़े पैमाने पर कॉफी पसंद करने वाले लोग कॉफी के दो मुख्य प्रकार हैं इंस्टेंट कॉफी और फिल्टर कॉफी को पसंद करते हैं। मगर, क्या आप दोनों के बीच के अंतर को जानते हैं और क्या आप जानते हैं कि दोनों में से बेहतर विकल्प कौन सा है?
यदि नहीं, तो आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं। तो देर किस बात की है, चलिए जानते हैं इंस्टेंट कॉफी बनाम फिल्टर कॉफी में से आपको किसे पीना चाहिए? कौन सी कॉफी आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकती है।
पहले जानिए दोनों में क्या है अंतर
इंस्टेंट कॉफी सूखे और पाउडर कॉफी बीन्स से बनती है। यह फ्रीज-ड्राईंग या स्प्रे-ड्राईंग की प्रक्रिया के जरिये तैयार की जाती है, जो पानी की मात्रा को हटा देती है। नतीजतन एक घुलनशील पाउडर बनता है, जिसे आसानी से गर्म पानी में मिलाया जा सकता है।
वहीं, फिल्टर कॉफी पारंपरिक पकाने की विधि है, जिसमें मोटे पिसे हुए कॉफी बीन्स को एक फिल्टर में रखा जाता है। इस फिल्टर से गर्म पानी गुजरता है, जिससे कॉफी का फ्लेवर और ऑयल निकलता है। इस तरह की कॉफी अलग टेस्ट प्रोफाइल के साथ बेहतरीन सुगंध देती है।
इंस्टेंट कॉफी बनाम फिल्टर
दोनों तरह से बनी कॉफी एंटीऑक्सिडेंट और कैफीन को बढ़ाती हैं। मगर, फिल्टर कॉफी आमतौर पर अपनी पकाने की विधि के कारण पोषक तत्वों को अधिक बरकरार रखती है। इसमें अधिक पॉलीफेनोल्स और हाइड्रो सिनामिक एसिड होते हैं, जिनमें सूजन-रोधी गुण होते हैं।
फिल्टर कॉफी में आमतौर पर इंस्टेंट कॉफी की तुलना में अधिक मात्रा में कैफीन होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फिल्टर कॉफी के लिए पकाने की प्रक्रिया कॉफी के अधिक नेचुरल ऑयल और सॉलिड कॉफी को गुजरने देती है, जिससे यह अधिक गाढ़ा पेय पदार्थ बनता है।
इंस्टेंट कॉफी में कम होती है कैफीन
वहीं, दूसरी ओर इंस्टेंट कॉफी में पकाने की प्रक्रिया अधिक नियंत्रित होती है। इससे कॉफी में कैफीन का स्तर कम हो सकता है। इंस्टेंट कॉफी मिक्स में आमतौर पर पाई जाने वाली अतिरिक्त शर्करा और क्रीमर के कारण इंस्टेंट कॉफी में अक्सर फिल्टर कॉफी की तुलना में अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) होता है।
बताते चलें कि जीआई से पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ खाने के बाद रक्त शर्करा का स्तर कितनी तेजी से बढ़ता है। कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे टूटते हैं और रक्त में धीरे-धीरे ग्लूकोज रिलीज करते हैं।
फिल्टर कॉफी को जब बिना चीनी मिलाकर पीते हैं, तो ब्लड शुगर के स्तर पर नगण्य प्रभाव पड़ता है। लिहाजा, यह उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प बन जाती है, जो जीआई को लेकर काफी सजग रहते हैं।