ज्वाइंट पेन से उठने-बैठने में है समस्या, इन एक्सरसाइजों से पाएं राहत

ज्वाइंट पेन से राहत पाने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। खराब खानपान और निष्क्रिय जीवनशैली से यह समस्या बढ़ती है। लो इंपैक्ट एक्सरसाइज, जोड़ों पर दबाव न बनाएं, दर्द में राहत दिलाती हैं। नियमित एक्सरसाइज से स्थिति बेहतर हो सकती है।

HIGHLIGHTS

  1. ज्वाइंट पेन में एक्सरसाइज से राहत मिलती है।
  2. खराब खानपान व निष्क्रिय जीवनशैली है समस्या।
  3. लो इंपैक्ट एक्सरसाइज जोड़ो पर दबाव नहीं डालती।

हेल्थ डेस्क, इंदौर। आजकल लगभग सभी घरों में ज्वाइंट पेन से पीड़ित कोई न कोई जरूर मिल जाएगा। खराब खानपान और निष्क्रिय जीवनशैली ने सम्पूर्ण सेहत के साथ समझौता किया है, इसलिए कैल्शियम युक्त पौष्टिक खानपान के साथ जरूरी है।

एक्सरसाइज भी जरूर की जाएं, जिससे ज्वाइंट पेन में राहत मिले। ऐसी ही कुछ सरल एक्सरसाइज करें, जिससे जोड़ों पर बहुत दबाव न बने और लो इंपैक्ट वाली एक्सरसाइज इस ज्वाइंट पेन से राहत भी दिलाए।

जोड़ों में दर्द उठना एक बेहद मुश्किल समय होता है। उठने बैठने में तकलीफ बेड रेस्ट और आराम करने पर मजबूर कर देती है। सच्चाई ये है कि ज्वाइंट पेन में जरूरत से ज्यादा बेड रेस्ट किया जाए, तो ये स्थिति को और भी बिगाड़ सकता है। जरूरी है कि ज्वाइंट पेन में आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।

तो आइए जानते हैं कि ज्वाइंट पेन में कौन सी एक्सरसाइज जरूरी है, जो जोड़ों पर आवश्यकता से अधिक दबाव न बनाए और दर्द से राहत भी दिलाए…

  • वॉकिंग- दिनभर चले बिना किसी का काम नहीं चलता। ये एक ऐसी बेसिक जरूरत है जिसके ऊपर सभी अपने दैनिक क्रियाकर्मो के लिए निर्भर हैं। लेकिन मात्र उठ कर अपना काम कर लेना एक्सरसाइज नहीं कहलाता। कम से कम 20 मिनट या आधा घंटा वॉक जरूर करें। अधिक देर तक बैठे न रहें क्योंकि ये आपके कमर और कंधे की हड्डियों को जाम करता है और फिर ये दर्द में बदल जाता है। इसलिए वॉक करना न भूलें।
  • स्विमिंग- ये एक लो इंपैक्ट एक्सरसाइज है जो जोड़ों पर कम दबाव डालती है। स्विमिंग के दौरान पानी का दबाव शरीर के वज़न को झेलता है जिससे जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है। इससे एक प्रकार की रेजिस्टेंस होती है जो कि मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। ये फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के साथ वेट लॉस में भी मददगार साबित होती है जिससे जोड़ों पर दबाव कम होता है और ज्वाइंट पेन से राहत मिलती है।
  • स्ट्रेचिंग- ये मांसपेशियों के दर्द और खिंचाव से राहत दिलाता है। एल्बो बेंड, एक पैर से बैलेंस, पंजों से अल्फाबेट लिखने की क्रिया आदि जैसी हल्की फुल्की स्ट्रेचिंग मांसपेशियों में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाती है और ज्वाइंट पेन और कमज़ोरी से भी राहत दिलाती है।
  • साइक्लिंग- स्टडी बताती है कि साइक्लिंग करने से ऑस्टियोआर्थराइटिस के ज्वाइंट पेन से राहत मिलती है। ये जोड़ों के तनाव को कम करता है और ज्वाइंट पेन को दूर करता है। फिर भी अगर साइक्लिंग करने से दर्द बढ़ता है तो डॉक्टर के निर्देश पर ही इसे करें।

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