कच्चा दूध पीना हो सकता है खतरनाक, इन बीमारियों के होने की बढ़ जाती है आशंका
कच्चा दूध पीने से शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम का कई जीवाणुओं जैसे E. Coli, लिस्टीरिया और सालमोनेला बैक्टीरिया आदि से सीधा संपर्क होता है। इसकी वजह से फूड प्वाइजनिंग जैसी परेशानी भी हो सकती है। लिहाजा, दूध को गर्म करने के बाद ही पीना चाहिए।
HIGHLIGHTS
- मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए दूध पीना बेहद जरूरी होता है।
- दूध में मौजूद कैल्शियम सहित ढेर सारे पोषक तत्व होते हैं मौजूद।
- हमारे शरीर के लिए जरूरी पोषण और ग्रोथ देता है दूध।
डिजिटल डेस्क, नईदिल्ल। दूध एक ऐसा सुपरफूड है, जो कि बच्चे के जन्म से लेकर उसके बुढ़ापे तक उसका साथ देता है। मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए दूध पीना बेहद जरूरी होता है। दूध में मौजूद कैल्शियम सहित ढेर सारे पोषक तत्व हमारे शरीर को जरूरी पोषण और ग्रोथ देते हैं।
एक साल तक के बच्चे को गाय के दूध से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे एलर्जी हो सकती है। साथ ही इसमें मौजूद एंजाइम को पचाने में बच्चे को समस्या हो सकती है। फिर आजकल गए और भैंस का शुद्ध दूध मिलना भी मुश्किल बात है।
हो सकती है मिल्क बोर्न इलनेस
आमतौर पर पाश्चुराइजेशन और तमाम प्रोसेसिंग के बाद दूध को पैकेटबंद करके घर-घर पहुंचाया जाता है। कुछ लोग कच्चे दूध को पीना अधिक स्वास्थ्यवर्धक मानते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि कच्चा दूध पीने से कई मिल्क बोर्न इलनेस यानी दूध की वजह से होने वाली बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है, जिसे फूड पॉयजनिंग भी कह सकते हैं।
कच्चे दूध को पीने से शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम का कई जीवाणुओं जैसे E. Coli, लिस्टीरिया और सालमोनेला बैक्टीरिया आदि से सीधा संपर्क होता है। पाश्चुराइजेशन की क्रिया इन बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है और दूध को पीने के लिए सुरक्षित बनाती है।
हो सकती हैं ये समस्याएं भी
मगर, कच्चा दूध पीने से कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग, खासतौर से बच्चे, बूढ़े और प्रेग्नेंट महिलाओं को तेजी से मिल्क बोर्न इलनेस होने की आशंका होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान लिस्टीरिया जर्म के संपर्क में आने से मिसकैरेज या बीमार नवजात का जन्म हो सकता है।
कच्चे दूध या कच्ची सब्जियां खाने से ऐसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। कच्चा दूध पीने से शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
ऐसे दिख सकते हैं इसके लक्षण
- डायरिया
- उल्टी
- पेट में मरोड़
- पेट में दर्द
- गैस
- सिरदर्द
- बदन दर्द
- बुखार
अति गंभीर मामलों में इससे गुलियन-बैरे सिंड्रोम की आशंका बढ़ जाती है, जिसमें पैरालिसिस, किडनी फेल, स्ट्रोक या डेथ भी हो सकती है।
FDA और CDC भी मानती है हानिकारक
FDA और CDC जैसी कई हेल्थ एजेंसी भी कच्चे दूध के सेवन को हानिकारक मानती है। लोगों में ये भ्रामक बात फैली है कि पाश्चुराइजेशन की प्रक्रिया बैक्टीरिया के साथ कच्चे दूध के पोषण को भी नष्ट कर देती है। जबकि सच्चाई ये है कि कच्चे और पाश्चुराइज दूध में मामूली अंतर होता है। लिहाजा, दूध को हमेशा गर्म करके ही पीना चाहिए।