Monsoon Skin Care: बारिश के पानी से बढ़ जाते हैं त्वचा संबंधी रोग, पढ़ें इससे बचने के उपाय
बरसात के दिनों में स्किन का खास ख्याल रखना चाहिए। कभी-कभी बेसिक क्लिंजिंग, टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग ही काफी नहीं होते हैं। बारिश के मौसम में नमी के कारण स्किन से जुड़ी कई समस्याएं होने लगती हैं। स्किन ऑयली हो जाती है, जिससे स्किन पर बैक्टीरिया जल्दी पनपने लगते हैं। इस मौसम में अक्सर खुजली या एक्जिमा की समस्या बढ़ जाती है।
HIGHLIGHTS
- बरसात के मौसम में होने लगती हैं स्किन प्राॅब्लम।
- बारिश में सबसे ज्यादा फंगल इंफेक्शन होता है।
- इलाज में लापरवाही बिल्कुल नहीं बरतना चाहिए।
हेल्थ डेस्क, इंदौर। Monsoon Skin Care: डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. गर्विता सिंह के मुताबिक, वर्षा के दिनों में त्वचा से संबंधित समस्या बढ़ जाती है। इस मौसम में सबसे ज्यादा फंगल इंफेक्शन होता है। इससे बचाव के लिए हमें वर्षा में भीगने से बचना चाहिए। यदि भीग भी जाते हैं, तो जल्दी से कपड़े बदले और शरीर को अच्छे से सुखा लेना चाहिए। आम तौर पर इसे दाद के नाम से जाना जाता है और लोग अक्सर इसे तब तक नजरअंदाज करते हैं, जब तक ये बड़ी समस्या न बन जाए। इससे बचाव के लिए हमें टाइट कपड़े पहनने से बचना चाहिए। हमें ढीले कपड़े पहनना चाहिए।
लापरवाही बिल्कुल न बरतें
वर्षा में आधे सूखे, नमी वाले कपड़े और मोजे पहनने के कारण भी फंगल इंफेक्शन की समस्या बढ़ जाती है। वर्षा में हमें पैरों में ऐसे जूते पहनने चाहिए, जिसमें पानी ज्यादा समय तक ना ठहरे। लोग इसके इलाज में भी लापरवाही बरतते हैं। सीधे मेडिकल स्टोर से स्टेरॉयड युक्त क्रीम लगाते हैं, जो तुरंत राहत दे देती है, लेकिन बाद में इंफेक्शन बढ़ जाता है। इसके कारण फंगल इंफेक्शन ठीक होने में भी समय लग जाता है।
डॉक्टर की सलाह जरूर लें
वहीं, इस मौसम में बाल झड़ने और डैंड्रफ की समस्या भी अधिक होती है। इससे बचाव के लिए वर्षा में न भीगे और जल्दी से बालों को सुखा लें। कभी भी इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन देखकर कोई तेल या शैम्पू न खरीदें। इनके उपयोग के पहले एक बार डाॅक्टर की सलाह लें। इस मौसम में हमें सनस्क्रीन क्रीम का उपयोग भी नियमित करना चाहिए।
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।