ओवर ईटिंग स्वास्थ्य के लिए खतरा! सीमित आहार करने से मिलेंगे ये जबरदस्त फायदे

आजकल के व्यस्त जीवन में खाना अक्सर केवल रूटीन बन गया है, जिससे स्वस्थ आहार को नजरअंदाज किया जा रहा है। अनहेल्दी भोजन और ओवर ईटिंग से वेट गेन, डायबिटीज और हार्ट समस्याएं बढ़ती हैं। स्वास्थ्यवर्धक और संतुलित भोजन पर ध्यान देना आवश्यक है। कम खाएं, लेकिन स्वस्थ खाएं।

HIGHLIGHTS

  1. भागदौड़ में खाना केवल रूटीन बन गया है।
  2. खाना पोषण और ताकत के लिए जरूरी है।
  3. जल्दी बनने वाले भोजन से स्वास्थ्य प्रभावित

मैगजीन डेस्क, इंदौर। आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में खाना रूटीन का मात्र एक हिस्सा बन के रह गया है। लोग जल्दी बनने वाली डिश बनाते हैं, हड़बड़ी में टिफिन पैक करते हैं और काम पर निकल पड़ते हैं। अधिकतर परिवारों का कमोबेश यही हाल है। ऐसे में स्वास्थ्यवर्धक खाना शरीर में नहीं जा पाता है, जिससे कई बीमारियां जन्म लेती हैं। अनहेल्दी खाना और साथ ही ओवर ईटिंग करने से वेट गेन, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

खाने का असल मकसद शरीर को पोषण और ताकत देना होता है। जब इस लक्ष्य से खाने की प्लेट भटक जाए और आप मात्र पेट भरने के लिए या फिर स्वाद लेने के लिए खाना खाएं, तो मान लें कि आपको ढेरों बीमारियां किसी न किसी रूप में जरूर याद करेंगी, इसलिए अपने खाने की थाल में एक बैलेंस प्लेट बना कर रखें। कम खाएं लेकिन स्वस्थ खाएं।

आइए जानते हैं भूख से कम सीमित आहार लेने के फायदे

  • पाचन तंत्र को राहत – अधिक खाने से पाचन तंत्र को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में भूख से थोड़ा कम खाने से पेट हल्का रहता है, पाचन तंत्र को राहत मिलती है और शरीर स्वस्थ रहता है।
  • वेट लॉस – जब सीमित मात्रा में कैलोरी इंटेक होती है तो ये मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है और वेट लॉस में मदद करता है। इससे शरीर हल्का महसूस होता है और पूरे दिन एनर्जी बनी रहती है।
  • लो कोलेस्ट्रॉल – कम कैलोरी के सेवन से ट्राईग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम होती है। इससे हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा टलता है।
  • लंबी उम्र – जब शरीर में कम कैलोरी जाती है तो वेट मैनेजमेंट के साथ ही इससे बढ़ती उम्र के साथ होने वाली कई बीमारियों से भी बचाव होता है। इससे इंसान लंबी उम्र तक स्वस्थ जीता है।
  • एजिंग करे दूर – जब इंसान भूख से कम खाता है तो ये सेक्शुअल हार्मोन को प्रभावित करता है। जब शरीर में मौजूद कोशिकाओं को पाचन क्रिया और टॉक्सिन निकालने जैसे काम से राहत मिलती है तो ये तेज़ी से रिपेयर और हीलिंग का काम करता है। इससे स्किन का फ्री रेडिकल डैमेज से बचाव होता है। इससे नई स्वस्थ कोशिकाएं बनती हैं और एजिंग की प्रक्रिया धीमी होती है।

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