ठंड ने दी दस्तक … बदलता मौसम अपने साथ कुछ बीमारियां भी लाता है, दें सेहत पर ध्यान
मध्य प्रदेश के जबलपुर के चिकित्सक बोले-यदि बच्चों में तेज बुखार, खांसी के साथ तेज सांस लेना, छाती में दर्द या थकान के लक्षण दिखें, तो निमोनिया की संभावना हो सकती है। दिल की बीमारी के संकेतों में तेज या धीमी हृदय धड़कन, थकान, त्वचा का नीला पड़ना शामिल है। सही समय पर डाक्टर से परामर्श, दवाइयों का पालन, संतुलित आहार और व्यायाम से बीमारियों का प्रभावी इलाज संभव है।
HIGHLIGHTS
- ठंड से बचाव के साथ कुछ सावधानी आवश्यक है।
- मांसपेशियों में सुकड़न, जोड़ों में दर्द, बच्चे परेशान।
- डाइट का इस मौसम में खास ध्यान रखना चाहिए।
Health News : ठंड ने दस्तक दे दी है। अभी गुलाबी ठंड के बीच मौसमी बीमारियों से बचाव भी जरूरी है। इस मौसम में मांसपेशियों में सुकड़न, जोड़ों में दर्द वृद्धजनों में आम है। साथ ही वात व गठिया का दर्द बढ़ता है। बदलता मौसम अपने साथ कुछ मौसमी बीमारियां भी लाती हैं। बच्चों में भी बदलाव के असर से पेट दर्द, कफ-कोल्ड सहित अन्य शिकायतें पाई जाती हैं। ऐसे में ठंड से बचाव के साथ कुछ सावधानी आवश्यक है, तभी हेल्दी सीजन का लुत्फ लिया जा सकता है।
मांसपेशियों में खिंचाव
शीतकाल में प्रत्येक आयुवर्ग के व्यक्ति को अपनी सेहत को लेकर खास सावधानी रखनी जरूरी होती है। इस मौसम में मांसपेशियां सुकड़ती हैं, बड़ी उम्र के लोगों में जोड़ों के दर्द की शिकायत आम हो जाती है। साथ ही वात-गठिया का दर्द बढ़ जाता है। ये मौसम में बदलाव का संकेत है। अत: जरूरी है मौसम अनुकूल व्यवहार करने व अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करने की। माना जाता है कि अधिकांश लोगों मौसम अनुकूल अपने को ढाल नहीं पाते, वे सदा एक ही स्टाइल अपनाने के आदी होते हैं, जो कि सेहत के लिए जोखिम साबित होता है।
शीतकाल में ऐसे रहें फिट
- तापमान गिरने के साथ शरीर को गर्म रखने सबसे जरूरी होता है।
- रूम का तापमान को गर्म रखकर ठंड से बचाव में सहायक है।
- आइसक्रीम, शीतल पेय सहित अन्य ठंडी चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
- शरीर को ठंड से बचाने गर्म व फुल कपड़े पहनना आरामदायक होता है।
- खुले वातावरण में कान को ढंककर रखना चाहिए।
- अच्छी डाइट लें, जिसमें हाई विटामिन सी व हाई डाइट सेहतमंद रखती है।
ऐसे करें बचाव, क्या कहते हैं चिकित्सक
आर्थोपेडिक और स्पोटर्स मेडिसिन डाक्टर सुधीर तिवारी ने बताया कि डाइट का इस मौसम में खास ध्यान रखना चाहिए। ताकि हमारा पाचन तंत्र अच्छा रहे और शरीर सेहतमंद बनी रहे। बुजुर्ग बहुत जल्दी सुबह उठकर सैर से बचें, खासकर कोहरा व खराब मौसम के समय और युवा फिट रखने नियमित व्यायाम करें। साथ ही समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच कराते रहना चाहिए।
बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें
पीड्रियाट्रिक कार्डियोलाजिस्ट व क्रिटिकल केयर डाक्टर दिव्या श्रीवास्तव बोली- अस्थमा प्रभावित बच्चे धूल और ठंड से अधिक प्रभावित होते हैं। इलाज में स्वास्थ्यकर भोजन देना शामिल है, जिसमें विटामिन सी और एंटीआक्सीडेंट युक्त फल और सब्जियां महत्वपूर्ण हैं। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें।