आप भी स्वस्थ रहना चाहते हैं तो नियमित रक्तदान करें … इसके लाभ जानकर हो जाएंगे हैरान, हृदयघात का खतरा भी कम
मध्य प्रदेश के जबलपुर में नईदुनिया के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पैथोलाजिस्ट डा. भरत पुनासे ने पाठकों की रक्तदान संबंधी भ्रांतियों का निराकरण किया। पुरुष प्रत्येक तीन माह, महिला चार माह में एक बार रक्तदान कर सकती है। रक्तदान ने दाता के शरीर में नई आरबीसी का निर्माण, नई ऊर्जा का संचार व मस्तिष्क तक अधिक मात्रा में आक्सीजन पहुंचती है। इससे स्मृति बढ़ती है।
HIGHLIGHTS
- परीक्षा से एक माह पूर्व यदि कोई छात्र रक्तदान करता है, तो उसकी स्मृति का स्तर बेहतर रहता है।
- हृदयघात का खतरा कम रहता है। यह देखा कि बार-बार रक्तदान करने से कोलेस्ट्राल कम रहता है।
- जिस व्यक्ति के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा 13 ग्राम से कम नहीं है, वह रक्तदान कर सकता है।
My Health : स्वस्थ्य व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान के कई लाभ है। नियमित रक्तदान से संबंधित व्यक्ति का रक्त पतला रहता है। इन्हें हृदयघात का खतरा कम रहता है। यह देखा गया है कि बार-बार रक्तदान करने वाले व्यक्ति का कोलेस्ट्राल कम रहता है। यह जानकारी नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज के पैथोलाजिस्ट डा. भरत पुनासे ने दी। वे बुधवार को नईदुनिया के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों के रक्तदान संबंधी प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।
परीक्षा से एक माह पूर्व यदि कोई छात्र रक्तदान करता है, तो उसकी स्मृति का स्तर बेहतर रहता है
डा. भरत पुनासे ने बताया कि प्रत्येक स्वस्थ्य व्यस्क व्यक्ति जिसे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा 13 ग्राम से कम नहीं है, वह रक्तदान कर सकता है। परीक्षा से एक माह पूर्व यदि कोई छात्र रक्तदान करता है, तो उसकी स्मृति का स्तर बेहतर रहता है। डा. पुनासे ने रक्तदान संबंधी भ्रांतियों को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारियां पाठकों के साथ साझा की। एनीमिया, सिकल सेल, थैलेसीमिया रोगों से संबंधित पाठकों की शंकाओं का समाधान किया।
आठ से 10 ग्राम तक हीमोग्लोबिन है, आयरन प्रचुरता वाली सब्जी, फल एवं पाैष्टिक खाना लें
एनीमिया को तीन भाग में वर्गीकृत किया जाता है। जिनके शरीर में आठ से 10 ग्राम तक हीमोग्लोबिन है, उन्हें आयरन प्रचुरता वाली सब्जी, फल एवं पाैष्टिक खानपान दिया जाता है। छह से आठ ग्राम एचबी स्तर वालों को सौ दिन तक सीरप व ओरल टेबलेट या आवश्यकतानुसार इंट्रामस्कुलकर इंजेक्शन देकर ठीक किया जा सकता है। जिनके शरीर में एचबी की मात्रा छह से कम है, उन्हें ब्लड ट्रांसफ्यूजन के साथ आयरन दवा की आवश्यकता होती है।
प्रश्न – क्या मोटे व्यक्ति का रक्त नहीं लेना चाहिए? रक्तदान की सही आयु क्या है? – रामनरेश पांडे, गोरखपुर
उत्तर – 18 वर्ष से 65 वर्ष तक की आयु का स्वस्थ्य व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। रक्तदाता का भार न्यूनतम 45 किलोग्राम होना चाहिए। इससे अधिक भार या मोटापा रक्तदान में कहीं बाधा नहीं है, बशर्तें वह व्यक्ति स्वस्थ्य हो। कोई संक्रामंक या गंभीर रोग से पीड़ित ना हो।
प्रश्न – मेरे मां की आयु 72 वर्ष है। उन्हें सीढ़ी चढ़ने-उतरने में थकान होती है। घुटने से कट-कट की आवाज आती है? – अभिषेक तिवारी, सीधी
उत्तर : इसे रोग नहीं कहेंगे। आयु बढ़ने के साथ होने वाली समस्या है। शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम होने और घुटने की हड्डियां घिसने से ऐसी आवाज होती है। घुटने अधिक ना मुड़े, इसलिए कुर्सी पर बैठे। पाश्चात्य शैली के शौचालय का उपयोग करें। बेहतर होगा कि किसी अस्थि रोग विशेषज्ञ से एक बार परामर्श कर लें।
प्रश्न – मेरी 11 वर्ष की बेटी है। उसका हीमोग्लोबिन नौ से 10 के बीच रहता है। कुछ भी खिलाओ नहीं बढ़ता। क्या करें? – श्वेता सिंह, नरसिंहपुर
उत्तर : आपके लिए बेहतर यह है कि आप किसी फिजिशियन से बेटी की समस्या पर परामर्श करें। चाहे तो जबलपुर में आइसीएमआर के क्षेत्रीय केंद्र में जाकर बेटी के रक्त का नमूने का परीक्षण करा सकते है। आपको समस्या बताना होगा, उस आधार परीक्षण होगा। पता चला जाएगा कोई जेनेटिक हिस्ट्री तो नहीं है।
प्रश्न – जिसे ब्लड प्रेशर है, वह रक्तदान कर सकता है क्या? – प्रदीप ठाकरे, रामपुर
उत्तर : माइल्ड (150 से कम) ब्लड प्रेशर है और दवा से नियंत्रित रहता है, तो वह व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। सामान्य रुप से मधुमेह पीड़ित व्यक्ति का रक्त नहीं लिया जाता है। किसी अन्य गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्ति काे भी रक्तदान में सम्मिलित नहीं किया जाता।
प्रश्न – यदि कोई रक्तदान या उसका शिविर करना चाहे तो उसके लिए स्वास्थ्य विभाग कुछ करता है क्या? – जागृति केवट, दमोह
उत्तर : जबलपुर मेडिकल कालेज में एक एसी बस है। यह रक्तदान के लिए बनाई गई है। समस्त सुविधाएं है। बस में रक्तदाता को लेटाकर रक्त लिया जा सकता है। उसके सुरक्षित संग्रहण के लिए मशीन भी है। यदि कहीं पर 10-12 रक्तदाता एकत्रित होते है और वह सूचित करते है तो बस वहां तक पहुंचाकर रक्तदान की प्रक्रिया संपन्न की जा सकती है। रक्तदान शिविर में भी बस के साथ चिकित्सक एवं सहयोगी कर्मियों की पूरी टीम जाती है। यह नि:शुल्क है। कोई भी व्यक्ति या समाजसेवी संस्था के आग्रह पर उपलब्ध है।
प्रश्न – क्या मलेरिया होने पर सिकल सेल का खतरा रहता है? किन्हें सिकल सेल या थैलेसीमिया होता है? – माला श्रीवास्तव, उमरिया
उत्तर : सिकल सेल पीड़ित को मलेरिया होता ही नहीं है। ऐसा सिकल सेल की संरचना की मजबूती के कारण होता है, जिसमें मलेरिया का संक्रमण प्रवेश नहीं कर पाता है। सिकल सेल और थैलसीमिया दोनों वंशानुगत रोग है। बेहतर तो यहीं है जिनके यहां पीड़ित है, या एनीमिया की कारण कम उम्र के बच्चे की मौत हुई हो तो वहां पर जांच कराना चाहिए।
प्रश्न – लड़कियों और महिलाओं में एनीमिक की समस्या अधिक क्यो होती है? क्या खानपान से इस समस्या से बचा जा सकता है? – शिप्रा जैन, मंडला
उत्तर : पुरुषों के अपेक्षाकृत महिलाओं में रक्त अल्पता की समस्या अधिक होती है। इसका कारण महिलाओं को होने वाली महावारी है। इसके खतरें से बचने के लिए महिलाओं को अपने खाने वह साग, सब्जी और फल सम्मिलित करना चाहिए जो काटने के बाद काले पड़ जाते है।