वायरस का बदला चरित्र… बुखार होने पर कोरोना जैसी थकान, मुंह का स्वाद गायब

चिकित्‍सकों का कहना है कि अब वायरल बुखार के दौरान अलग-अलग तरह के लक्षण मरीजों में नजर आते हैं। कई मरीज ठीक होने के बाद भी दर्द की श‍िकायत करते हैं। बारिश के दिनों में इस तरह की बीमारी अध‍िक फैलती है। पीड़ि‍तों के संपर्क में आने पर भी लोग बीमार हो जाते हैं।

HIGHLIGHTS

  1. जबलपुर के अस्पतालों में आ रहे ज्वर पीड़ित कर रहे हैं शिकायत।
  2. परीक्षण में ना डेंगू, ना ही चिकुनगुनिया मिल रहा और ना ही कोविड।
  3. तेजी से फैल रही बारिश में बीमारियां, अस्‍पतालों में मरीजों की भीड़।

जबलपुर। मानसून हावी होने के बाद नगर में वायरल संक्रमण (इंफेक्शन) तेजी से फैल रहा है। सरकारी अस्पतालों में आ रहे कई मरीज पांच दिन तक बुखार ठीक नहीं होने की शिकायत कर रहे है। कुछ मरीज सर्दी-खांसी, बुखार के साथ कोरोना जैसी थकान होने और मुंह का स्वाद जाने से घबरा रहे है। अच्छी बात यह है कि जांच में पीड़ितों में ना तो डेंगू, चिकनगुनिया और ना ही कोविड मिल रहा है।

रोग के लक्षण और प्रभाव में अंतर

चिकित्सकों के अनुसार वायरस अपना चरित्र बदलता रहता है। इसके कारण रोग के लक्षण और प्रभाव में अंतर आता है। अभी कुछ मरीज बुखार उतरने के बाद भी कमजोरी और हाथ-पैर में पीड़ा की शिकायत कर रहे है। घबराने की आवश्यकता नहीं है। उचित उपचार और संतुलित पौष्टिक भोजन से शीघ्र स्वास्थ्य में सुधार हो जाता है।

ओपीडी में भीड़, वार्ड भर गए

  • मेडिकल काॅलेज और जिला अस्पताल की ओपीडी में गत दिनों में सर्दी-खांसी और बुखार के पीड़ित बढ़े हैं।
  • बच्चे भी बीमार पड़ रहे है। मेडिकल की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन दो हजार और जिला अस्पताल की ओपीडी में औसतन सात सौ मरीज पहुंच रहे है।
  • इसमें सबसे अधिक मौसमी रोगों के पीड़ित है। डायरिया पीड़ित भी बढ़े है। निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीज भर्ती हुए है।

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एक से कई हो रहे बीमार

 
  • जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि वायरस नाक-मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
  • वायरस प्रभावी होने पर स्वाद महसूस नहीं होता है। बीमार होने पर आंख और नाक से पानी आता है।
  • मसल्स तक संक्रमण पहुंचने पर कमजोरी लगती है। यहां तक कि हाथ उठाने व पैर हिलाने में भी कष्ट होता है।
  • वायरल बुखार संक्रामक होता है। इसलिए पीड़ित मास्क पहनना चाहिए।
  • लापरवाही पर संक्रमण एक व्यक्ति से परिवार के दूसरे सदस्यों को भी रोग चपेट में ले लेता है।

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