Epilepsy Problem: न्यूरोलॉजिकल समस्या है मिर्गी, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज"/>

Epilepsy Problem: न्यूरोलॉजिकल समस्या है मिर्गी, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

HIGHLIGHTS

  1. अत्याधुनिक टेस्ट से अब मिर्गी होने के कारणों के बारे में पता किया जा सकता है।
  2. आज भी मिर्गी रोग अंधविश्वास और गलत धारणाओं से घिरा हुआ है।
  3. कई लोग इसे जादू-टोने या ऊपरी चक्कर का परिणाम मानते हैं।

हेल्थ डेस्क, इंदौर। इंसान के शरीर में मस्तिष्क बेहद जटिल अंग होता है। काम करने की जितनी जटिल प्रक्रिया दिमाग की है, उतने ही जटिल दिमाग के रोग भी होते हैं। ऐसा ही रोग है एपिलेप्सी, जिसे आम बोलचाल की भाषा में मिर्गी कहा जाता है। इंदौर के न्यूरो सर्जन डॉ. संदीप मूलचंदानी के मुताबिक, मिर्गी केवल एक न्यूरोलॉजिकल विकार है। यदि मिर्गी में दवाइयां काम नहीं कर रही हैं तो वीडियो ईईजी, 24 घंटे निरंतर ईईजी मॉनिटरिंग, परफ्यूजन स्कैन, एमआरआई ट्रैक्टोग्राफी और MRI मिर्गी प्रोटोकॉल जैसे आधुनिक तरीके काम में आ सकते हैं। ये डायग्नोस्टिक टेस्ट इंदौर में उपलब्ध हैं।

जादू टोने के चक्कर में न पड़ें

डॉ. संदीप मूलचंदानी का कहना है कि अत्याधुनिक टेस्ट से अब मिर्गी होने के कारणों के बारे में पता किया जा सकता है और इसके उपचार की सटीक और सुरक्षित योजना बना सकते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी मिर्गी रोग अंधविश्वास और गलत धारणाओं से घिरा हुआ है। कई लोग इसे जादू-टोने या ऊपरी चक्कर का परिणाम मानते हैं, जिसके कारण रोगियों को सामाजिक कलंक और भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

मिर्गी के लक्षण

    • बार-बार बेहोशी छाना
    • बोलने में समस्या आना
    • भावनाओं में बदलाव
    • तनाव महसूस करना
    • बात करने या समझने में परेशानी
    • बच्चों का एक टक देखना
    • सांस लेने में परेशानी
    • मांसपेशियों में दर्द

तत्काल डॉक्टर से करें संपर्क

लोगों को यह जानकारी देना महत्वपूर्ण है कि मिर्गी केवल एक चिकित्सीय स्थिति है जिसका इलाज संभव है। एक स्टडी के अनुसार भारत में हर 100 में से एक व्यक्ति मिर्गी रोग से पीड़ित है। लेकिन इनमें से केवल पांच प्रतिशत लोगों को ही उचित इलाज मिल पाता है। मिर्गी के रोगी की दशा और दौरे की गंभीरता पर निर्भर करता है। मिर्गी का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए नियमित दवा का सेवन आवश्यक है। रोगियों को विशेषज्ञों द्वारा बताई गई दवाओं को समय पर और सही मात्रा में लेना चाहिए, नियमित रूप से विशेषज्ञ से जांच कराते रहें और कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत सलाह लें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button