World Sleep Day 2024 : जबलपुर के चिकित्सक बोले- सेहतमंद रहने के लिए अच्छी नींद जरूरी, पढ़ें क्याें
HIGHLIGHTS
- नींद से जुड़ी समस्याओं के शिकार हो रहे हैं।
- इन दिनों बिगड़ती लाइफस्टाइल बनी वजह।
- प्रापर टाइम में सोना और उठना चाहिए।
World Sleep Day 2024 : नई दुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। दिनभर की थकान के बाद लोग रात को चैन की नींद सोते हैं। सेहतमंद रहने के लिए अच्छी नींद बेहद जरूरी होती है, लेकिन इन दिनों बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से लोग लगातार नींद से जुड़ी समस्याओं के शिकार होते जा रहे हैं।
मार्च के तीसरे शुक्रवार को स्लीप डे मनाते हैं
ऐसे में लोगों को नींद का महत्व समझाने और नींद से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को दूर करने के मकसद से हर साल मार्च महीने के तीसरे शुक्रवार को स्लीप डे के रूप में मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड स्लीप डे की थीम वैश्विक स्वास्थ्य के लिए नींद की समानता है। एक्सर्ट का कहना है कि प्रतिदिन सात से आठ घंटे की नींद जरूरी है। स्वस्थ्य रहने के लिए पूरी नींद जरूरी है।
नींद की क्वालिटी भी महत्व रखती है
युवाओं को सात से आठ घंटे की नींद जरूरी है। नींद की क्वालिटी भी महत्व रहती है। टेंशन मुक्त होकर सोना चाहिए। नार्मन ड्रीम आ सकते हैं। स्लीप का रिदम जरुरी हेाता है। बिना दवा लिए नींद होना जरुरी है। नींद पूरी नहीं होने से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हार्टअटैक होने के चांसेस होते हैं।
प्रापर टाइम में सोना और उठना चाहिए
नींद का प्रापर साइकल बनाना चाहिए। प्रापर टाइम में सोना और उठना चाहिए। सोने के एंक घंटे पहले से इलेक्ट्रानिक गैजेट से दूर रहें। सोने के पहले प्राणाायम या मेडिटेशन करें। डाइट दो घंटे पहले लें। कोई रोग है, तो उसकी दवा लें। जो लोग नाइट ड्यूटी करते हैं, उन्हें बहुत सारी समस्याएं होती हैं। रात की नींद ही जरूरी है।
स्लीप डे का इतिहास
एक सेहतमंद जीवन के लिए नींद बेहद जरूरी होती है। पर्याप्त नींद जहां हमें स्वस्थ रखने में मदद करती है, तो वहीं नींद की कमी की वजह से व्यक्ति विभिन्न समस्याओं का शिकार हो जाता है। ऐसे में नींद से जुड़ी इन समस्याओं से बचाव के लिए वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी ने स्लीप डे की शुरुआत की। सबसे पहले साल 2008 में इस दिन को मनाया गया। वहीं, वर्तमान में दुनियाभर के 88 से ज्यादा देशों में ””वर्ल्ड स्लीप डे”” मनाया जाता है।
महत्व
मौजूदा समय में लोग लगातार खराब जीवनशैली अपनाते जा रहे हैं। ऐसे में खराब दिनचर्या, गलत खानपान, तनाव, वर्क प्रेशर आदि के चलते नींद की कमी होने लगी है। नींद की कमी के चलते लोग कई बीमारियों का शिकार भी होते जा रहे हैं। ऐसे में इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को नींद और सेहत के बीच संबंध को लेकर जागरूक करना है। साथ ही इस दिन का मकसद लोगों को यह समझाना है कि काम के साथ अच्छी नींद भी व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है। इस दिन वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।