Psoriasis Prevention: त्वचा से जुड़ा गंभीर रोग है सोरायसिस, इन लक्षणों को बिल्कुल न करें अनदेखा
HIGHLIGHTS
- सोरायसिस की समस्या होने पर मरीज की त्वचा पर लाल, पपड़ीदार, सफेद पैच दिखाई देने लगते हैं।
- कुछ मरीजों में त्वचा की सूखी होने के साथ फटने लगती है।
- खुजली और जलन भी होती है। इसके अलावा हाथ, पैर, कोहनी, घुटने, पीठ, सिर, जननांग या अन्य क्षेत्रों में पैच दिखने लगते हैं। जोड़ों में सूजन, दर्द बना रहता है।
हेल्थ डेस्क, इंदौर। सोरायसिस एक त्वचा रोग है, जिसमें त्वचा के उभरे हुए, परतदार, लाल और सफेद पैच दिखने लगते हैं। सोरायसिस की समस्या आमतौर पर इम्यून सिस्टम में परेशानी के कारण होता है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ त्वचा कोशिकाओं पर हमला करती है। डॉ. सुनील यादव इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
सोरायसिस के सामान्य लक्षण
सोरायसिस की समस्या होने पर मरीज की त्वचा पर लाल, पपड़ीदार, सफेद पैच दिखाई देने लगते हैं। कुछ मरीजों में त्वचा की सूखी होने के साथ फटने लगती है। साथ ही खुजली और जलन भी होती है। इसके अलावा हाथ, पैर, कोहनी, घुटने, पीठ, सिर, जननांग या अन्य क्षेत्रों में पैच दिखने लगते हैं। जोड़ों में सूजन, दर्द बना रहता है।
सोरायसिस के मुख्य कारण
सोरायसिस की समस्या आनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है। सोरायसिस में परिवार का इतिहास होने से संक्रमित होने की संभावना 10 फीसदी से 40 फीसदी तक हो सकती है। इसके अलावा सोरायसिस में प्रतिरक्षा प्रणाली के कुछ कोशिकाएं (T-लिम्फोसाइट) सक्रिय होकर स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती हैं, जिससे त्वचा में सूजन, पिंपल्स होते हैं। सोरायसिस की समस्या मुंह, गले, मूत्रमार्ग में बैक्टीरिया, वायरस या फंगल इन्फेक्शन के कारण भी हो सकती है। वहीं, किसी प्रकार की चोट लगने, त्वचा के कटने, जलने आदि के कारण भी सोरायसिस के पैच बन सकते हैं। वहीं मानसिक तनाव के कारण भी प्रतिरक्षा प्रणाली में परिवर्तन होता है, जो सोरायसिस का कारण बन सकता है।
मौसम का प्रभाव
आमतौर पर देखा जाता है कि सूखे, ठंडे या हवादार मौसम में सोरायसिस की स्थिति में सुधार होता है, जबकि गर्म, गीली, या पसीने वाले मौसम में सोरायसिस की स्थिति बिगड़ने लगती है। मधुमेह से प्रभावित लोगों में सोरायसिस होने की संभावना 50 फीसदी से 70 फीसदी तक होती है।
सोरायसिस का इलाज
सोरायसिस को कई लोग कॉस्मेटिक से जुड़ी समस्या मान लेते हैं। ऐसा मानना बड़ी भूल हो सकती है। सोरायसिस की समस्या का कोई सटीक इलाज अभी भी संभव नहीं है, इसलिए इसकी अनदेखी नहीं करना चाहिए। सोरायसिस की समस्या होने पर त्वचा की कई कोशिकाएं बढ़ जाती है, जिससे त्वचा पर सूखे और कड़े चकत्ते बन जाते हैं। ऐसे में सोरायसिस के लक्षणों के प्रति जागरूक रहना बहुत आवश्यक है और इसके कुछ खास लक्षणों को देखकर रोग के इलाज की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। सोरायसिस का सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो दूसरी बीमारियों का खतरा हो सकता है। शुरुआती लक्षण दिखते ही त्वचा रोग विशेषज्ञ के पास जाकर इस रोग का इलाज कराना चाहिए।