हड्डियों के कमजोर होने की पहचान कर शुरू करें इलाज, इन कारणों से होती है परेशानी

कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से हड्डियों में दर्द आम हो गया है, जो पहले वृद्धजनों में अधिक देखा जाता था। खानपान में बदलाव और जीवनशैली में विकृति इसका कारण हैं। विटामिन डी की पूर्ति के लिए दवाओं पर निर्भर न रहकर सुबह की धूप लें। हड्डियों की कमजोरी पहचानने के लिए हाथों की पकड़ और मसूड़ों की स्थिति देखें।

 

HIGHLIGHTS

  1. कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हड्डियों में दर्द का कारण।
  2. सुबह की धूप में समय बिताने से विटामिन डी की कमी होगी दूर।
  3. हाथों की पकड़ कमजोर होना हड्डियों की कमजोरी को दर्शाता है।

हेल्थ डेस्क, इंदौर। शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हड्डियों में दर्द का मुख्य कारण बनती है। दरअसल, वर्तमान समय में जीवनशैली में विकृति आई है। खानपान में भी बदलाव देखा जा रहा है, जो कैल्शियम और विटामिन का कारण बनती है।

हड्डियों में दर्द की समस्या पहले आमतौर पर वृद्धजनों को होती थी। अब युवावस्था में ही यह समस्या होने लगी है। खानपान से कैल्शियम की कमी दूर करना चाहिए।

इसी तरह विटामिन डी की कमी के लिए दवाओं पर आश्रित न रहकर सुबह की धूप में कुछ समय बिताना चाहिए। विटामिन डी का प्राकृति स्रोत सूर्य है। हर व्यक्ति को मौसम के अनुसार अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। डॉ छत्रसाल सिंघई, अस्थि रोग विशेषज्ञ ने हड्डियों के कमजोर होने की पहचान और उसके कारण के बारे में बताया है।

हड्डियां कमजोर होने की पहचान

1- पकड़ का कमजोर होना

हड्डियों की कमजोरी का अनुमान लगाना है, तो सबसे आसान तरीका है पकड़ की मजबूती का आकलन करना। अगर, हाथों की पकड़ कमजोर हो रही है तो यह तय माना जा सकता है कि हड्डियों में कमजोरी आ रही है।

2- मसूड़ों का खराब होना

हड्डियों में कमजोरी आती है, तो इसका असर मसूड़ों पर पड़ता है। मसूड़े कमजोर होने लगते हैं। मसूड़ों की कमजोरी से भी हड्डियों की कमजोरी का अनुमान लगाया जा सकता है।

जिम ना करने से हड्डियां होती हैं कमजोर

आप अगर जिम नहीं करते हैं, तो आपकी हड्डियां कमजोर होने लगेंगी। सुबह-शाम सैर सपाटा तो दूर की बात वे पैदल चलना भी पसंद नहीं करते। ऐसे लोगों की हड्डियां समय से पहले कमजोर होने लगती हैं। स्वास्थ्य के लिए शारीरिक श्रम जरूर करें।

दर्द निवारक गोलियों का ना करें सेवन

तमाम लोग हड्डियों में दर्द से राहत पाने के लिए मनमर्जी से दर्द निवारक दवाओं का सेवन कर अपनी सेहत और बिगाड़ लेते हैं। दर्द निवारक दवाओं का ज्यादा उपयोग किडनी के लिए खतरा बन जाता है।

 

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