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Disease In Rain: बारिश में घेर लेते हैं नाक, कान और गले से जुड़े ये रोग, ऐसे रखें सावधानी

बारिश के दौरान नाक, कान और गले के संक्रमण की आशंका रहती है। सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। डॉक्‍टरों की सलाह है कि इससे बचने के लिए समय-समय पर भाप लें। साथ ही एलर्जी की समस्या होने पर मास्‍क लगाना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. कान में पानी जमने से आ जाता है मवाद
  2. नाक का बंद होना और सिरदर्द आम समस्या
  3. खानपान पर ध्यान दें, बाहर का खाना खाने से बचें

Disease in Rain हेल्‍थ डेस्‍क, इंदौर। बारिश शुरू होते ही नाक, कान और गले की समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए सावधानियां जरूरी हैं। कान का बहना एक आम समस्या है, जो बारिश के मौसम में ज्यादा परेशान करती हैं। कान में पानी जाने से समस्या बढ़ जाती है। इसलिए जिनके कान में मवाद आता है, वे विशेष ध्यान रखें कि कान में पानी न जाएं, क्योंकि पानी जाने से संक्रमण बढ़ता है और कान ज्यादा बहने से पर्दे का छेद बड़ा हो जाने से सुनाई देना बंद हो जाता है। इसलिए पानी से बचना बहुत जरूरी है।

इसी प्रकार बारिश में कान में फंगल संक्रमण बहुत होता है, जिससे कान में खुजली और तेज दर्द होता है। बारिश अक्सर प्रदूषक और एलर्जी को जमीन पर लाती है, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएं होती हैं जो नाक और गले को भी प्रभावित कर सकती हैं। ईएनटी स्पेशलिस्ट डाॅ. सविता मेहता स समझते हैं कि इन बीमारियों के क्या बचाव है।

इन बातों का रखें ध्‍यान

 
 
    • एलर्जी की समस्या है तो मास्क लगाएं।
    • साइनोसाइटिस वालों को नाक का बंद होना और सिरदर्द की समस्या बढ़ जाती है, इसलिए भाप लेना और गरारे करना जरूरी है।
    • बाहर की चीजों से परहेज रखें।
    • पूरी सावधानी बरतें और यदि फिर भी दिक्कत हो तो चिकित्सक को दिखाएं।
    • कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिन्हें दवा से जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। कान बहने, नाक की हड्डी टेड़ी हो जाने और गले में टांसिल की समस्या का ऑपरेशन ही स्थायी इलाज है।

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