Target By Kitchen Gardening : मानसून के पहले रोपें बीज, रिमझिम वर्षा में घर बैठे मिलेंगी हरी सब्जियां"/>

Target By Kitchen Gardening : मानसून के पहले रोपें बीज, रिमझिम वर्षा में घर बैठे मिलेंगी हरी सब्जियां

HIGHLIGHTS

  1. गार्डन, प्लाटों या छत पर भिंडी, बैंगन, हरी मिर्च व पत्तेदार सब्जियों की खेती कर रही हैं।
  2. महिलाएं बिना किसी कीटनाशक स्प्रे के रोजाना घर की ताजी सब्जियों का प्रयोग करती हैं।
  3. किचन गार्डनिंग का शौक पर्यावरण को हरा-भरा बना रहा है, इससे सेहत को भी फायदा।

Target By Kitchen Gardening : जबलपुर। मानसून के पहले एक बार फिर किचन गार्डन गुलजार होंगे। इसके लिए महिलाएं प्रयासरत हैं। गार्डन में सब्जियां के बीज बोए जा रहे हैं, ताकि मानसून में अच्छी तरह उग सकें। महिलाओं ने कहा कि Kitchen Gardening से उन्हें सस्ते में सब्जियां मिल रही हैं। साथ ही ताजी और हरी सब्जी भी खाने को मिलती है।

बाजार में मिल रही सब्जियाें में मिलावट होती है

गौरीघाट रोड निवासी सुनीता लोहरा ने बताया कि मुझे किचन गार्डनिंग का शौक है। बाजार में मिल रही सब्जियाें में मिलावट होती है। उन पर जरूरत से अधिक कीटनाशकों, खादों एवं स्प्रे का प्रयोग होता है। जब भी सीजन की सब्जी मार्केट में आती है, तो डाक्टर्स के पास पेट में इंफेक्शन, दर्द, उल्टी, दस्त के मरीजों की लाइनें लग जाती हैं। सेहत के जरुरी ताजी सब्जियां खाना जरूरी है। मेरे किचिन गार्डन और टेरेस गार्डन में लौकी, भिंडी, टमाटर, फूल गोभी, बेगन, ककड़ी, मूली, पालक भाजी, लाल भाजी लगाई है। हर मौसम के हिसाब से सब्जियां उगाती हूं। इसके लिए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से टिप्स भी लेती हूं।

इस वर्ष तो जैसे आम की बहार आ गई

स्नेहनगर निवासी जयश्री मोदी ने कहा कि बाजारी कीटनाशक डली Vegetables खाने की बजाय अपने घर के टेरिस, पाट, गमलों में सब्जियां उगाई हैं। हमारे आंगन में बहुत पुराना आम का पेड़ है। इस वर्ष तो जैसे आम की बहार आ गई। घर के आम का खट्टा-मीठा अचार, आम पापड़ साथ ही आम से बनी बहुत सारी रेसीपी बनाई। साथ ही टेरेस गार्डन में बहुत सारी सब्जियां भी लगाती हूं। हमारे परिवार में सभी को गार्डनिंग का बहुत शौक है। हर रोज अपनी पसंदीदा सब्जी अपने किचन गार्डन से तोड़ कर बनाते हैं। यह शौक के साथ हेल्दी भी बनाता है। काफी सारे पेड़-पौधे होने के कारण घर में ठंडक भी बनी रहती है। साथ ही हरियाली भी रहती है।

बाजार की सब्जियों में न्यूट्रेटस बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं

निर्मला तिवारी के अनुसार रोजाना एक परिवार 100 रुपये की सब्जी खरीदता है। इसमें सब्जी में डालने वाले आलू, प्याज, अदरक, लहसुन, धनिया व हरी मिर्च का खर्च शामिल नहीं है। बाजार की सब्जियों में न्यूट्रेटस बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं। जिनको समय से पहले तैयार करने के लिए जरूरत से अधिक खाद, कीटनाशकों, स्प्रे व हाइब्रिड बीजों का प्रयोग होता है। ये जब बाजार में पहुंचती हैं, तो जहर बनकर आती हैं और इनको खाकर हमारी सेहत खराब होती है। इससे बचने के लिए लोग किचन गार्डनिंग करते हैं। घरों में गमलों में फूलों के साथ ही अब टमाटर, ब्रोकली, बैंगन, हरी मिर्च, पुदीना, तुलसी, धनिया आदि भी उगाई जा रही हैं।

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