Monsoon Health Tips: बदलते मौसम में शुरुआत में ही बरत लें सावधानियां, गंभीर बीमारी के लक्षण होते हैं ये
मानसून का सीजन अपने साथ जहां खुशनुमा और सुहाना मौसम लेकर आता है, वहीं इस मौसम में कई सारे संक्रमण और बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इस मौसम में अक्सर हमारी इम्युनिटी भी कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में शुरुआत में ही कुछ लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
HIGHLIGHTS
- बरसात का मौसम कीटाणुओं के लिए हेल्दी टाइम है।
- बरसात के मौसम में ही सबसे ज्यादा प्रदूषण बढ़ता है।
- टाइफाइड होने पर स्किन माव्रस बनने लगते हैं।
हेल्थ डेस्क, इंदौर। Monsoon Health Tips: वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.पल्लवी गिरी के मुताबिक, मौसम बदलने के साथ ही इन दिनों ओपीडी में पीलिया, टाइफाइड, उल्टी-दस्त, वायरल से पीड़ित बच्चे बढ़ रहे हैं। ये सभी बीमारियां घातक हैं, लेकिन शुरुआत में ही इलाज से इसे कम समय में ठीक किया जा सकता है। वर्षा का मौसम आ गया है। इसलिए जरूरी है कि खाने पीने में सफाई रखें। क्योंकि यह समय कीटाणुओं के लिए हेल्दी टाइम है। इसी मौसम में सबसे ज्यादा प्रदूषण बढ़ता है। पांच दिनों तक लगातार वर्षा और फिर उसके बाद तेज धूप ने हालत बिगाड़ दी है। उमस के कारण जीवन बेहाल बना हुआ है।
बीमारी का कारण बरसात का पानी
शरीर शिथिल हो रहा है। इसके लिए बच्चों को इलेक्ट्रॉल पिलाएं। ठंडक में रखें। इस सीजन में वर्षा में भीगना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन यह बीमारी का कारण भी बन सकता है। इसलिए हर बार वर्षा में भीगने से बच्चों को बचाएं, वरना स्किन प्रॉब्लम भी हो सकती है। बच्चे को यदि पीलिया होता है, तो सिम्टम्स देखकर उनका इलाज कराएं। पीलिया की शुरुआत पेशाब पीली आने से होती है। इसके बाद आंखों में पीलापन, पेट दर्द, भूख न लगना आदि सिम्टम्स होते हैं।
टाइफाइड के हो सकते हैं संकेत
नाखून तक पीलापन आने में समय लगता है। इसलिए इस स्थिति तक का इंतजार न करें। पहले ही इलाज करा लें। इसी प्रकार पहले टाइफाइड होने पर स्किन माव्रस बनते थे, जिससे समझ आ जाता था और इलाज शुरू हो जाता था, लेकिन आज क्लासिकल पिक्चर खत्म हो गई है। यदि बच्चे को तेज बुखार आ रहा है। पेट दर्द और खांसी है, तो डॉक्टर को दिखाएं। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खूब पानी पिएं। इलेक्ट्रॉल डालकर पानी पीना अच्छा विकल्प है।
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।