World Heart Day 2023: रोज 40 मिनट ऐसे चले पैदल, हार्ट अटैक के साथ इन बीमारियों से भी होगा बचाव
World Heart Day 2023 पैदल चलते समय भी इस बात का ध्यान रखें कि सामान्य पैदल चलने के बजाय ब्रिक्स वॉक चलना चाहिए।
HIGHLIGHTS
- हार्ट अटैक से बचने के लिए किस तरह की फिजिकल एक्टिविटी करना फायदेमंद हो सकती है।
- ब्रिस्क वॉक सहित किसी भी कार्डियो एक्सरसाइज को कम से कम 30 से 40 मिनट के लिए जरूर करना चाहिए।
- ब्रिस्क वॉक सिर्फ दिल के लिए ही फायदेमंद नहीं होती है। इससे किडनी, फेफड़ों के साथ अन्य अंग भी सेहतमंद रहते हैं।
World Heart Day 2023। अनियमित जीवनशैली और खानपान में लापरवाही के कारण आजकल दिल के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। अक्सर हम देखते हैं कि युवाओं में भी हार्ट अटैक की समस्या बढ़ गई है, जिसके लिए बहुत से कारण जिम्मेदार होते हैं। डॉ. शिरीष डिंगरे यहां बता रहे हैं कि हार्ट अटैक से बचने के लिए किस तरह की फिजिकल एक्टिविटी करना फायदेमंद हो सकती है।
पैदल चलने में ठीक होता है ब्लड फ्लो
डॉ. शिरीष डिंगरे के मुताबिक, दिल को सेहतमंद रखने के लिए रोज करीब 40 मिनट पैदल चलना बेहद जरूरी है। पैदल चलते समय भी इस बात का ध्यान रखें कि सामान्य पैदल चलने के बजाय ब्रिक्स वॉक चलना चाहिए। हार्ट के लिए ब्रिस्क वॉक करना फायदेमंद होता है। इससे दिल में रक्त परिसंचरण बढ़ता है और ब्लॉकेज होने की आशंका नहीं रहती है।
जानें कैसे करते हैं ब्रिस्क वॉक
सामान्य गति से पैदल चलने के बजाय तेज गति से चलने को ही ब्रिस्क वॉक कहा जाता है। सेना के जवानों को हम परेड के दौरान जिस तरह से चलते हुए देखते हैं, वह ब्रिस्क वॉक ही कहलाता है। इससे हार्ट की मांसपेशियों की अच्छे से एक्सरसाइज होती है और हार्ट में ब्लड फ्लो बढ़ता है।
ये कार्डियो एक्सरसाइज भी जरूर करें
दिल को सेहतमंद रखने के लिए ब्रिस्क वॉक के बजाय अन्य कार्डियो एक्सरसाइज भी कर सकते हैं, जिसमें साइकिल चलाना, तैरना, दौड़ना या रस्सी कूदने जैसी फिजिकल एक्टिविटी शामिल है। ब्रिस्क वॉक सहित किसी भी कार्डियो एक्सरसाइज को कम से कम 30 से 40 मिनट के लिए जरूर करना चाहिए।
ब्रिस्क वॉक के फायदे
ब्रिस्क वॉक सिर्फ दिल के लिए ही फायदेमंद नहीं होती है। इससे किडनी, फेफड़ों के साथ अन्य अंग भी सेहतमंद रहते हैं। ब्रिस्क वॉक करने से डायबिटीज और हाई बीपी की समस्या भी नहीं होती है। व्यक्ति का मानसिक तनाव भी कम होता है। ब्रिस्क वॉक करने से बहुत अधिक पसीना निकलता है, जिससे शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल जाता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है।