Draupadi Murmu: पुरी के तट पर टहलने निकलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कहा- ‘मुझे गहन शांति मिली’, लोगों से की ये अपील"/>

Draupadi Murmu: पुरी के तट पर टहलने निकलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कहा- ‘मुझे गहन शांति मिली’, लोगों से की ये अपील

सोमवार सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुरी ने एक्‍स हैंडल पर तट पर टहलने के फोटो साझा करते हुए अपना अनुभव बताया। इस दौरान उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग पर अपनी चिंता जाहिर की। इससे पहले वे जगन्नाथ प्रभु की रथ यात्रा में भी शामिल हुई थीं।

Draupadi Murmu एजेंसी, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन दिनों उड़ीसा दौरे पर हैं। वे रविवार को रथ यात्रा में शामिल हुई थीं। वहीं आज (सोमवार) को उन्होंने समुद्र किनारे की तस्वीरें साझा की है। इसमें राष्ट्रपति समुद्र किनारे कुर्सी पर बैठी और समुद्र किनारे टहलते हुए नजर आ रही है।

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फोटो पोस्‍ट कर राष्‍ट्रपति ने लिखा कि ‘जैसे ही मैं आज समुद्र के किनारे चल रहा था, मुझे आसपास के वातावरण के साथ एक जुड़ाव महसूस हुआ। उन्‍होंने कहा, इससे मुझे गहन आंतरिक शांति मिली, जो मुझे तब भी महसूस हुई जब मैंने कल महाप्रभु श्री जगन्नाथजी के दर्शन किए। और ऐसा अनुभव पाने वाली मैं अकेली नहीं हूं; हम सभी इस तरह महसूस कर सकते हैं।’

तटीय क्षेत्रों के जलमग्न होने का खतरा

राष्ट्रपति ने लिखा कि ‘दैनिक कामकाज की आपाधापी में, हम प्रकृति के साथ इस संबंध को खो देते हैं। मानव जाति का मानना ​​है कि उसने प्रकृति पर कब्जा कर लिया है और अपने अल्पकालिक लाभों के लिए इसका दोहन कर रही है। नतीजा सबके सामने है।’

‘पृथ्वी की सतह का सत्तर प्रतिशत से अधिक भाग महासागरों से बना है, और ग्लोबल वार्मिंग के कारण वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि हो रही है, जिससे तटीय क्षेत्रों के जलमग्न होने का खतरा है।’

राष्ट्रपति ने लिखा कि सौभाग्य से, प्रकृति की गोद में रहने वाले लोगों ने ऐसी परंपरा कायम रखी हैं जो हमें रास्ता दिखा सकती हैं। उदाहरण के लिए, तटीय क्षेत्रों के निवासी हवाओं और समुद्र की लहरों की भाषा जानते हैं। अपने पूर्वजों का अनुसरण करते हुए, वे समुद्र को भगवान के रूप में पूजते हैं।

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