Zomato Lady: ‘जोमैटो मां…आगे बच्चा, पीछे फूड पार्सल’, राजकोट की महिला का वीडियो वायरल, देशभर में हो रही तारीफ
राजकोट की एक महिला की चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। यह महिला Zomato की डिलीवरी पार्टनर है। बाइक पर खाना लोगों तक पहुंचाती है। खास बात यह है कि इस दौरान उनका एक मासूम बच्चा भी साथ होता है। विशाल नाम के कंटेंट क्रिएटर ने यह वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है।
HIGHLIGHTS
- छोटा बच्चा होने के कारण कहीं नहीं मिली नौकरी
- इसी कारण चुना जोमैटो फूड डिलीवरी का काम
- साथ में होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी कर रही
एजेंसी, राजकोट (गुजरात)। ‘जो लोग जिंदगी में वाकई कुछ करके दिखाना चाहते हैं, उनके पास कोई बहाना नहीं होता और कोई समस्या उनकी राह रोक नहीं सकती है…’ गुजरात की एक महिला आज पूरे देश में यही संदेश दे रही है।
यह कहानी है राजकोट की एक महिला जोमैटो डिलीवरी पार्टनर की। महिला बाइक से जोमैटो डिलीवरी करती है और उसका एक छोटा बच्चा है जो बाइक पर आगे बैठा रहता है। एक यूजर ने महिला का वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया जो अब वायरल है और पूरा देश महिला की तारीफ कर रहा है। (नीचे देखें वीडियो)
किसी ने नहीं दी नौकरी, तो जोमैटो डिलीवरी का काम चुना
- महिला पढ़ी लिखी है। वह होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई भी कर रही है। वह अपने साथ ही बच्चे का भविष्य भी बनाना चाहती है। छोटे बच्चे की मां होने के कारण कई लोगों ने उसे काम देने से इनकार कर दिया।
- इसके बाद ही उसने जोमैटो डिलीवरी पार्टनर बनने का फैसला किया। उसके पास बाइक थी जिसे वो चलाना भी जानती थी। जोमैटो डिलीवरी पार्टनर अपनी सुविधा से काम कर सकता है, इसलिए कोई समस्या भी नहीं हुई।
- इस महिला को जिन हालात का सामना करना पड़ रहा है, उन हालात में लोग मैदान छोड़कर भाग जाते हैं, लेकिन उसने अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए एक महीने पहले ही यह काम शुरू किया।
क्या समस्या आई… जवाब सुनकर सब हैरान
महिला से जब पूछा गया कि वो छोटे बच्चे को बाइक पर साथ लेकर शहर के एक कोने से दूसरे कोने में जाती है, उसे कोई समस्या नहीं हुई? इस पर महिला ने जवाब दिया, समस्या कहां नहीं होती है? हर काम में समस्या आता है, लेकिन जब आप शुरू करते हो तो आदत पड़ जाती है और सब ठीक हो जाता है।
जोमैटो डिलीवरी पार्टनर का संघर्ष भी उजागर
महिला की कहानी सामने आने के बाद जोमैटो डिलीवरी पार्टनर्स के संघर्ष पर भी चर्चा शुरू हो गई है। यूजर्स याद दिला रहे है कि किसी तरह ये लोग हर मुश्किल हालात में लोगों तक समय पर खाना पहुंचाते हैं।
उनकी जिंदगी में भी बहुत संघर्ष है, परिवार पर भी ध्यान देना होता है, मौसम की बेरुखी से भी जूझना होता है, फिर भी ये सातों दिन, 24 घंटे सेवा में जुटे रहते हैं।
राजकोट की महिला की कहानी इस ओर भी इशारा करती है कि कामकाजी महिलाओं को मां बनने के बाद किस तरह से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।