Manipur Violence: स्कूल-कॉलेज बंद, 5000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात; अमित शाह की हाई-लेवल मीटिंग; NSA डोभाल भी होंगे शामिल

Manipur Violence मणिपुर में राहत शिविर से लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसा भड़क उठी थी। भीड़ ने तीन मंत्रियों और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के दामाद समेत छह विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी के अलावा दो चर्चों और तीन घरों को भी फूंक दिया था। बताया जाता है कि महिलाओं और बच्चों की उग्रवादियों ने हत्या की है।

HIGHLIGHTS

  1. राज्य में कुल 218 सीएपीएफ कंपनियां मौजूद हैं।
  2. अतिरिक्त 50 कंपनियों को मणिपुर भेजने का आदेश।
  3. लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसा भड़की।

पीटीआई, नई दिल्ली। Violence In Manipur। मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की आग तेज हो चुकी है। पिछले साल मई महीने से ही राज्य  जातीय संघर्ष से जूझ रहा है।

केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय व सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मणिपुर के हालात की समीक्षा की और ताजा हिंसा को रोकने व तनाव करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका सहित अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हो सकते हैं।

5000 से अधिक कर्मियों को भेजा जाएगा मणिपुर

केंद्र सरकार ने  मणिपुर में 5,000 से अधिक कर्मियों वाली अतिरिक्त 50 सीएपीएफ कंपनियां भेजने का फैसला किया है।  गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों, सीआरपीएफ से 15 और बीएसएफ से पांच को राज्य में भेजा है।

राज्य में 218 सीएपीएफ कंपनियां मौजूद

इस सप्ताह तक अतिरिक्त 50 कंपनियों को मणिपुर भेजने का आदेश दिया गया है। सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि 35 इकाइयां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से ली जाएंगी, जबकि बाकी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से होंगी। फिलहाल, राज्य में कुल 218 सीएपीएफ कंपनियां मौजूद हैं।

जिरीबाम जिले में हिंसा भड़कने और अन्य स्थानों पर फैलने के बाद 12 नवंबर को जारी एक आदेश के बाद गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों, सीआरपीएफ से 15 और बीएसएफ से पांच को राज्य में भेजा।

शनिवार को गृह मंत्रालय ने कहा कि मणिपुर में तैनात सभी सुरक्षा बलों को राज्य में व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

मणिपुर में फिर क्यों भड़क उठी हिंसा

मणिपुर में राहत शिविर से लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसा भड़क उठी थी। भीड़ ने तीन मंत्रियों और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के दामाद समेत छह विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी के अलावा दो चर्चों और तीन घरों को भी फूंक दिया था।

बताया जाता है कि महिलाओं और बच्चों की उग्रवादियों ने हत्या की है। सोमवार को सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में 10 कुकी उग्रवादी मारे गए थे। उग्रवादियों के हमले के बाद से बुजुर्ग महिला, उसकी दो बेटियां और तीन नाबालिग पोते-पोतियों का पता नहीं चल पा रहा था।

गुस्साई भीड़ ने रविवार को निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लंगमेइदोंग बाजार में भाजपा विधायक वाई. राधेश्याम, थौबल जिले में भाजपा विधायक पोनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में कांग्रेस विधायक टी. लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी। इस दौरान भीड़ ने तोड़फोड़ भी की। हमले के वक्त विधायक और उनके परिवार के सदस्य घर पर नहीं थे।

एनपीपी ने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन लिया वापस

इन हिंसक घटनाओं के बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी ( National People’s Party) के अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मणिपुर के अपने समकक्ष एन बीरेन सिंह पर निशाना साधा। हालांकि, संगमा ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी ने एनपीपी ने बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लिया है, एनडीए से नहीं। उन्होंने कहा कि अगर पड़ोसी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो पार्टी इस फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है।

क्या है मणिपुर विधानसभा की तस्वीर

60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में भाजपा के पास 37 सीटें हैं। एनपीपी, जिसके सात विधायक हैं, ने पहले बीरेन सिंह सरकार को बाहरी समर्थन दिया था क्योंकि वह एनडीए का हिस्सा है। गौरतलब है कि एनपीपी के समर्थन वापस लेने से एन बीरेन सिंह सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है।

इंफाल में स्कूल-कॉलेज बंद

इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लगाए जाने के बीच, मणिपुर सरकार ने कई जिलों में राज्य विश्वविद्यालयों सहित संस्थानों, कॉलेजों को बंद करने की घोषणा की । इंफाल में सभी स्कूल, कॉलेज 19 नवंबर तक बंद रहेंगे।

 

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