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दिल की सेहत के लिए वरदान आयुर्वेद इलाज, हार्ट ब्लॉकेज 70 प्रतिशत से कम करने में कारगर

HIGHLIGHTS

  1. कम उम्र में हार्ट रोग की समस्या बढ़ने लगी है।
  2. आयुर्वेद से ब्लॉकेज कम करने का इलाज है।
  3. ब्लॉकेज आयुर्वेद इलाज के माध्यम से कम हो सकते हैं।

Heart Block: बिगड़ती जीवनशैली और खानपान के कारण अब कम उम्र में हार्ट रोग की समस्या बढ़ने लग जाती है। लेकिन इसे लेकर लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। हृदय में ब्लाकेज के मामले बढ़ने लगे हैं। आयुर्वेद से ब्लॉकेज कम करने का इलाज कारगर है। 70 प्रतिशत तक के ब्लॉकेज आयुर्वेद इलाज के माध्यम से कम हो सकते हैं।

इसके लिए आयुर्वेद दवाइयों के साथ ही पंचकर्म किया जाता है। यदि 70 प्रतिशत से अधिक ब्लॉकेज है तो भी मरीज के स्वास्थ्य को देखकर आयुर्वेद इलाज दिया जाता है। कोलेस्ट्रोल नियंत्रण के लिए लहसून फायदेमंद होता है। सभी लोगों को अपने स्वस्थ जीवन के लिए आयुर्वेद दिनचर्या अपनाना चाहिए। रोजाना ब्रह्म मुहर्त में उठने से हमारा पाचन सहीं रहता है। इसके बाद नियमित व्यायाम करना। सुबह नौ बजे ब्रेकफास्ट करना, 11 बजे फ्रुट्स, अलसी आदि का सेवन करना, भोजन हमेशा निश्चित समय पर करना, चार बजे चने, बिस्किट आदि का सेवन और रात नौ बजे के पहले खाना खा लेना चाहिए। इससे अधिकांश बीमारियां कम हो सकती है। यह बात अष्टांग आयुर्वेद कालेज एवं चिकित्सालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. नीरज कानूनगो ने कहीं। वे बुधवार को नईदुनिया के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में ह्रदय रोगों से बचाव के लिए आयुर्वेद चिकित्सा के बारें में पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे।
 

डॉ. कानूनगो ने बताया कि आज के समय में गंभीर बीमारियों का इलाज भी आयुर्वेद से होने लगा है। लोगों को भ्रम रहता है कि यह धीमा इलाज है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है। फेटी लीवर की समस्या के लिए पानी में नींबू, शहद मिलाकर पीने से फायदा होता है।

सवाल- मुझे 13 वर्ष पहले स्टेंड डला था, अब कौनसी आयुर्वेद दवाइयां ले सकते हैं? – अनिल कोधुलकर, श्री नगर

जवाब- सबसे पहले खानपान और नियमित व्यायाम पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा आयुर्वेद में अर्जून चुर्ण, सिरप ले सकते हैं। यह कोलेस्ट्रोल को कम करता है। इसे सुबह और शाम खाना खाने के बाद लेना चाहिए।

सवाल- मेरा छोटा बेटा मोटापे से परेशान है। उसकी बाहर रहने की जाब है। पेट संबंधित समस्या होती है? – श्रीकांत शर्मा, एलआइजी

जवाब- बाहर की जाब के चलते अधिक बैठना और बाहर का खानपान अधिक रहता है। इसके कारण पेट संबंधित समस्या होती है। इससे बचाव के लिए बेल का चुर्ण, मुरब्बा का सेवन करना फायदेमंद है। एक बार विशेषज्ञ की सलाह भी लेना चाहिए, ताकि कारण पता चल सकें।

सवाल- मेरी उम्र 78 वर्ष है, मुझे एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए? – भागीरथ शर्मा,  इंदौर

जवाब- एक सामान्य व्यक्ति को एक दिन में दो से तीन लीटर पानी पीना चाहिए। शरीर की जरूरत के हिसाब से पानी पीना जरूरी है। वहीं सुबह उठकर एक ग्लास गुनगुना पानी पीना भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

सवाल- मेरी दीदी को चार माह पहले अटैक आया था, एंजियोग्राफी हो चुकी है। स्टेंड नहीं डलवाना इसके लिए क्या करें? – सीमा,  इंदौर

जवाब- इसके लिए उनके खानपान पर विशेष तौर पर ध्यान दें। साथ ही उन्हें नियमित 30 मिनिट तक व्यायाम करवाएं। एक बार हमारे अस्पताल में उन्हें दिखाइएं, ब्लाकेज कितना है यह देखकर हम आयुर्वेद उपचार कर सकते हैं।

सवाल- 10 वर्ष पहले हार्ट अटैक आया था, अब क्या सावधानियां रखें ? – डा. डीके ज्ञानी, कंपेल

जवाब- इसके लिए अर्जून औषधि का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसके साथ ही लहसून की कली को एक कप दूध- पानी में मिलाकर पीना चाहिए। ब्रिथिंग व्यायाम करें।

सवाल- युवा-बुजुर्ग ह्रदय रोग से बचाव के लिए आयुर्वेद के अनुसार क्या करें? – हुकुमचंद कटारिया, सनावद

जवाब- सबसे पहले देर रात तक जागना बंद करें और सुबह जल्दी उठना शुरू करें। जंक फूड का सेवन बिल्कुल बंद कर दें। घर का पौष्टिक आहार लें, उसमें मोटा अनाज भी शामिल करें। बच्चों को धूप में भी खेलने दें, उन्हें रोके नहीं।

सवाल- ह्रदय रोग से बचाव के लिए क्या करना चाहिए, क्या तनाव भी इसका कारण है? – ओमप्रकाश शर्मा ( इंदौर)

जवाब- तनाव भी बढ़ते ह्रदय रोग का एक बड़ा कारण है। हमें तनाव से बचाव के लिए ध्यान देना चाहिए। इसके लिए अश्वगंधा का सेवन भी फायदेमंद होता है। इसके अलावा व्यायाम, संगीत, घुमने आदि से भी हम तनाव कम कर सकते हैं।

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