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 कम बोलना, खुद में मग्र रहना, आपके बच्चों में ऐसे लक्षण आएं नजर तो हो जाएं अलर्ट, कहीं ये ऑटिज्म का संकेत तो नहीं

Autism Symptoms In Children: यह समस्या उन बच्चों में अधिक देखने को मिलती है। जो ट्विंस होते हैं, मां की उम्र अधिक होती है, मोबाइल अधिक उपयोग करते हैं, गर्भावस्था के दौरान मां के द्वारा सिगरेट, शराब का सेवन और तनाव लेना।

HIGHLIGHTS

  1. समय पर ऑटिज्म लक्षणों की पहचान जरूरी।
  2. बच्चों को सात समझ की सात सेंस करवाना होती।
  3. हर बच्चा इस कारण से इसका शिकार नहीं होता।

हेल्थ, डेस्क, इंदौर। Autism Symptoms in Children: अकसर हम देखते हैं, कई बच्चे अकेलेपन में रहना पसंद करते हैं। जिसे आमतौर पर स्वजन सामान्य समझते हैं। लेकिन यह ऑटिज्म हो सकता है। मोबाइल, खानपान और बदलती जीवनशैली के कारण आजकल बच्चों में आटिज्म के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसके बचाव के लिए जबसे जरूरी है, इसके लक्षणों की पहचान करना।

इसके लक्षण बच्चे का आंखों से संपर्क नहीं होना, कम बोलना, बार-बार हाथ हिलाना, खुद में मग्न रहना, किसी से घुलना-मिलना नहीं आदि है। यदि इन लक्षणों को डेढ़ वर्ष की आयु में ही स्वजन पहचान लेते हैं, तो शत प्रतिशत तक ठीक होने की संभावना रहती है। इसका उपचार आक्यूपेशनल थैरेपी की माध्यम से होता है।

यह बात एमवाय अस्पताल के आक्यूपेशनल थेरेपिस्ट डा. गौतम सुरागे ने कहीं। वे बुधवार को नईदुनिया के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में ऑटिज्म के लक्षण और उपचार के बारें में पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे। डॉ. सुरागे ने बताया कि बच्चों को सात समझ की सात सेंस करवाना होती। देखना, सुंघना, सुनना, महसुस करना, स्वाद, प्रोपीसेपशन(जोड़ों और मांसपेशियों की समझ) और वेस्टिबुलर(बेलेंस की समझ)। बच्चों को उपचार में इन्हीं चीजों पर काम किया जाता है। इसे सेंसरी इंटग्रेशन थेरेपी कहां जाता है।

सवाल- ऑटिज्म क्यों होता है। इससे कैसे बच सकते हैं?- राजेश अग्रवाल, देवास

जवाब- इसका कोई कारण अभी तक सामने नहीं आया है। इसपर शोध चल रहा है। डेढ़ वर्ष में इसके लक्षण नजर आने लगते हैं, स्वजन में जागरूकता होना चाहिए कि इन्हें पहचानकर विशेषज्ञ को दिखाएं। जितना जल्दी इसका इलाज लेते हैं, उतनी जल्दी मरीज को आराम मिलता है और परिणाम भी अच्छा रहता है।

सवाल- क्या ऑटिज्म किसी वायरस से या फिर गर्भावस्था के दौरान कोई कमी के कारण होता है? – जयेश राठौर, प्रजापत नगर

जवाब- आटिज्म किन कारणों से होता है, इसपर शोध चल रही है। कई कारणों से ब्रेन डेवलपमेंट नहीं हो पाता है। जिससे यह होता है। इससे बचाव के लिए खानपान अच्छा रखें, नियमित योग करें। अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं आई है।

सवाल- मेरी बच्ची पांच वर्ष की है। कैसे पहचाने की उसे आटिज्म है या नहीं? – शिवशंकर, इंदौर

जवाब- यदि वह हाइपर गतिविधियां कर रही है, आंखों से संपर्क नहीं कर पा रही है, पढ़ाई में कमजोर हैं, बोलती नहीं है तो यह आटिज्म हो सकता है। इसके लक्षण जितना जल्दी पहचान लिए जाएं, उतना अच्छा है।

सवाल- क्या ऑटिज्म अनुवांशिक है? – प्रतीक कदम, इंदौर

जवाब- ऑटिज्म अनुवांशिक भी हो सकता है, लेकिन हर बच्चा इस कारण से इसका शिकार नहीं होता है। प्रीमेच्योर बेबी होना, जन्म के समय नवजात नहीं रोता है, उसे झटके आते हैं। यह भी ऑटिज्म के कारण हो सकते हैं।

सवाल- मेरा भतीजा मोबाइल से बाहर ही नहीं निकल पाता है। क्या यह ऑटिज्म है? – गणेश, इंदौर

जवाब- इसे ऑटिज्म तो नहीं कहां जा सकता है, लेकिन यह मोबाइल की लत के कारण है। कोशिश करें तो उसके मोबाइल का उपयोग कम करवाएं। कोशिश

करें तो शारीरिक गतिविधियों में उसे शामिल करें। ताकि उसका मोबाइल की ओर अधिक ध्यान नहीं जाए।

सवाल- बच्चे मोबाइल का उपयोग अधिक करने लगे हैं। कैसे पहचाने आटिज्म को? – तुषार राठौर, इंदौर

जवाब- हमें यह देखना चाहिए कि हमारा बच्चा अधिक हाथ तो नहीं हिला रहा है, वह हमारी बातों को समझ रहा है या नहीं, अन्य बच्चों से दोस्ती कर पा रहा है या नहीं। यदि ऐसा कुछ है तो आक्यूपेशनल थैरेपी करवाना चाहिए।

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