Health News : क्या आपमें एकाग्रता में कमी है, एंग्जायटी डिसआर्डर तो नहीं
HIGHLIGHTS
- व्यक्ति की दिनचर्या बाधित हो जाती है। हालात सुधरने पर ठीक हो जाते हैं।
- शरीर की मांसपेशियों में तीव्र तनाव समेत कई कारण होते हैं।
- एंग्जायटी की गंभीर स्थिति में पीड़ित को मृत्यु का भय बना रहता है।
Health News : चिंता एक सामान्य एवं स्वस्थ स्थिति है। जीवन की प्रेरणा एवं इच्छापूर्ति के तनाव के कारण व्यक्ति अपनी व्यावसायिक एवं आर्थिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करता है। जीवन के बदलते घटनाक्रम भी तनाव पैदा करते हैं जो क्षणिक होते हैं एवं हालात सुधरने पर ठीक हो जाते हैं। जब बिना किसी कारण या कारण के अनुपात से अधिक चिंता एवं तनाव होता है तब यह रोग कहलाता है। इसके कारण व्यक्ति की दिनचर्या बाधित हो जाती है।
शरीर की मांसपेशियों में तीव्र तनाव समेत कई कारण होते हैं
शरीर की मांसपेशियों में तीव्र तनाव, दर्द एवं ऐंठन, हृदयगति कभी अत्यधिक तीव्र तो कभी मंद हो जाना, ज्यादा पसीना आना, शरीर ठंडा पड़ना, बार-बार पेशाब जाना, घबराहट से हल्के दस्त लगना, अपच, डकार आना, गैस बनना, भूख की कमी, वजन घटना, नाड़ी तेज चलना, अत्याधिक बेचैनी एवं घबराहट, अज्ञात भय, अनर्थ एवं मृत्यु का भय, आत्मविश्वास की कमी, एकाग्रता में कमी इसके कारण परिलक्षित होते हैं।
एंग्जायटी की गंभीर स्थिति में पीड़ित को मृत्यु का भय बना रहता है
एंग्जायटी का उपचार संभव है। छाती में दर्द होना, कंपन, मृत्यु का भय, सांस लेने में कठिनाई, घुटन महसूस करना, पसीना आना व ठंड लगना, हाथ, पैर, चेहरे की सुन्नता व झुनझुनी भी इसके लक्षण में शामिल हैं। एंग्जायटी की गंभीर स्थिति में पीड़ित को मृत्यु का भय बना रहता है। वह ज्यादा चिंता करने लगता है। उसे सब खत्म होने का डर बना रहता है।