Health Tips: गठिया रोगियों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक और किडनी फेल होने का खतरा
HIGHLIGHTS
- गठिया सिर्फ जोड़ों की बीमारी ही नहीं, यह शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है। यह कई बीमारियों को लेकर आता है।
- आंखें लाल होना, लंबे समय से मुंह सूखने की शिकायत, आंखों में इरिटेशन आदि गठिया के लक्षण हो सकते हैं।
- गठिया रोग के मरीजों में तनाव और अवसाद आम बात है। तनाव तो लगभग हर मरीज में होता ही है।
Health Tips: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। आज के इस आधुनिक युग में लगभग प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से जूझ रहा है। उन्हीं बीमारियों में से एक है गठिया रोग है। देश की कुल आबादी का 15वां हिस्सा गठिया रोग से पीड़ित है। यह ऐसा रोग है जो अपने साथ कई अन्य बीमारियों को भी लाता है। इसके अलावा फेफड़ों की बीमारी, किडनी फेलियर और हार्ट अटैक का रिस्क भी गठिया के मरीजों में काफी हद तक बढ़ जाता है।
ये बातें रियुमेटोलाजिस्ट डा. अक्षत पांडे ने कही। वे विश्व गठिया रोग दिवस पर आर्थराइटिस एंड बोन केयर सोसायटी द्वारा गठिया रोग जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डा. पांडे ने कहा, कुछ लोगों को लगता है कि गठिया जोड़ों की बीमारी है, लेकिन गठिया सिर्फ जोड़ों की बीमारी नहीं है बल्कि यह शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है। आंखें लाल होना, लंबे समय से मुंह सूखने की शिकायत होना, आंखों में इरिटेशन होना जैसे गठिया रोग के ही लक्षण हो सकते हैं। इन सभी की जानकारी होना हर मरीज के लिए बहुत आवश्यक है।
मुंह में भी दिखाई देते हैं गठिया का प्रभाव
दंत विशेषज्ञ डा. मीमांसा पांडे ने गठिया रोग के मुंह में दिखने वाले प्रभावों के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि बार-बार मुंह सूखना, मसूड़ों में सूजन आना, मुंह खोलने या बंद करने पर दर्द होना या कट-कट की आवाज आना आदि गठिया रोग में विशेष रूप से देखे जाते हैं। इससे बचाव के लिए रोगी को रेगुलर डेंटल चेकअप कराते रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने दोनों टाइम ब्रश करने, अच्छे से कुल्ला करने और नियमित मसूड़े की मसाज करने की सलाह दी ताकि यह बीमारी गंभीर रूप न ले।
गठिया रोग के मरीजों में तनाव और अवसाद
डा. अनुभूति उपाध्याय ने बताया कि गठिया रोग के मरीजों में तनाव और अवसाद आम बात है। तनाव तो लगभग हर मरीज में होता ही है। गठिया रोग के करीब 20 प्रतिशत मरीजों को अवसाद की भी शिकायत है, लेकिन हमें इस पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है। अवसाद बीमारी को भी जटिल बनाने का काम करेगा अथवा इससे दर्द भी अधिक होगा।
बैलेंस डाइट और कुछ चीजों से परहेज होगा फायदेमंद
सीनियर क्लीनिकल डाइटिशियन डा. प्रिया चितले ने बताया कि हर बीमारी के लिए एक प्रापर डाइट को फालो करना बेहद आवश्यक होता है। गठिया रोग में भी पीड़ित व्यक्ति को अपनी डाइट का ध्यान रखना जरूरी है। गठिया रोग के मरीज को अपना वजन कंट्रोल में रखना चाहिए। इसके अलावा अधिक जाली या रोस्टेड चीजों का परहेज करने को कहा और जितना हो सके, उतना शरीर को हाइड्रेटेड रखने की सलाह दी।