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Eye Flu Cure: आयुर्वेद में आई फ्लू का आसान है उपचार

HighLights

  • मौसम में हो रहे परिवर्तन से इन दिनों आई फ्लू तेजी से फैल रहा है।
  • आयुर्वेद में इसे नेत्राभिष्यंद नाम से वर्णित किया गया है।
  • कुछ ही समय बाद दूसरी आंख भी इसकी चपेट में आ जाती है।

Eye Flu Cure: मौसम में हो रहे परिवर्तन से इन दिनों आई फ्लू तेजी से फैल रहा है। आंखों में होने वाली ये बीमारी वैसे तो गंभीर नहीं है, लेकिन ये आंखों में जलन, दर्द और लालपन के साथ देखने की समस्या खड़ी कर देती है।

आयुर्वेद में इसे नेत्राभिष्यंद नाम से वर्णित किया गया है। इसे संक्रामक बीमारी माना गया है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। इस संक्रमण की शुरुआत एक आंख से होती है, लेकिन कुछ ही समय बाद दूसरी आंख भी इसकी चपेट में आ जाती है।

जिला आयुष अधिकारी डा. हंसा बारिया ने बताया कि आई फ्लू का आयुर्वेद में भी उपचार है। आई फ्लू रोगी को दूसरे व्यक्तियों के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए, हमेशा आंख पर काला चश्मा पहनना चाहिए, जिससे दूसरों को रोग नहीं फैले। टीवी – मोबाइल से दूरी बनाए रखें एवं आराम करें। त्रिफला क्वाथ एवं शुद्ध टंकण अथवा शुभा या स्फटिक भस्म के पानी से आंखों को दिन में तीन बार धोना चाहिए।

छोटे बच्चों को उनकी माता का दूध अथवा अन्य को बकरी के दूध की बूंद डालने और रुई में भिगोकर आंखों पर रखने से बड़ा लाभ होता है। चंद्रोदय वर्ती को गुलाब जल के साथ प्रयोग भी लाभकारी है। आयुर्वेद में पित्त कफ नाशक चिकित्सा की जाती है, इसके लिए आयुर्वेद में औषधियां वर्णित है। इनका उपयोग आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श से करने से शीघ्र आई फ्लू बीमारी से छुटकारा मिलता है।

जिले के आयुष औषधालयों में चिकित्सक से परामर्श प्राप्त किया जा सकता है और औषधियां प्राप्त की जा सकती हैं।

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