बाबा भोलेनाथ का प्रिय धतुरा कई बीमारियों में दवा की तरह करता है काम

धतूरा आपने शिवजी का खूब चढ़ाया होगा, लेकिन क्या आपके औषधिय गुणों से परिचित हैं? अगर नहीं, तो चलिए आपको आज आपको बताएं कि धतूरा किन बीमारियों के उपचार के लिए आप प्रयोग कर सकते हैं। धतूरे की जड़ से लेकर फूल तक औषधि गुणों से भरी होती है। आयुर्वेद में धतूरे का प्रयोग किन रोगों में किया जाता है, चलिए जानें।
इन 6 बीमारियों से मुक्‍ति दिलाने में आता है काम
पैरों की सूजन
पैरों में किसी भी प्रकार की सूजन हो तो इसके पत्ते इस सूजन को खींच लेते हैं। चोट, मोच या किसी अन्य कारण से अगर पैर सूज गए हैं तो इसके प्पते को पीस कर लेप की तरह लगा दें। सूजन धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।
गठिया में आराम
पुराने से पुराने गठिया के दर्द में धतूरे के पंचांग का रस निकालकर उसे तिल के तेल में पका लें। फिर बचे तेल से मालिश करें। मालिश के बाद धतूरे के पत्ते को हल्का गर्म कर के जोड़ों पर बांध दें। ये दर्द को खींच लेता है।
कान दर्द
कान के दर्द में धतूरा बहुत फायदा देता है। सरसों के तेल में गंधक के साथ थोड़े से धतूरे के पत्‍ते का रस मिला दें और इसे धीमी आंच पर पका लें। इसके बाद हल्के गुनगुने रस को कान में दो-दो बूंद डाल दें। दर्द में आराम मिलेगा।
गर्भधारण
गर्भधारण में परेशानी पर धतूरे के फल का 2.5 ग्राम चूर्ण लें और उसमें आधा चम्‍मच गाय का दूध मिलाकर शहद के साथ रोज एक चाटा करें। ये गर्भधारण का उपाय है।
मलेरिया बुखार
धतूरा के पत्‍ते और कालीमिर्च बराबर मात्रा में गिनकर, पीस लें और फिर इस चूर्ण को उड़द के बराबर की गोलियां बना कर दिन में 2 बार 1-1 गोली का सेवन बुखार से पीड़ित व्‍यक्‍ति को कराएं।
दांत दर्द
धतूरे के बीजों को पीस कर उसे थोड़ी थोड़ी मात्रा में दाढ़ की खाली जगह में भर दें, इससे दांत में लगे कीड़े नष्‍ट होते हैं और दांत दर्द से आराम मिलता है।

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