Indore News: अब स्वाद नहीं, सेहत का भी है ख्याल… नए दौर में इंदौर कर रहा खान-पान में ये बदलाव

पिछले कुछ समय से घर के किचन से लेकर होटल के मेन्यू तक में मोटे अनाज से बने व्यंजन अपनी जगह लेने लगे हैं। मिलेट्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये धीरे-धीरे पचते हैं और ब्लड में शुगर का लेवल एकदम से नहीं बढ़ाते हैं। प्रोटीन, विटामिन्स और फाइबर्स के भरपूर मिलेट्स को अब स्कूल से लेकर होटल्स तक के मेन्यू में शामिल किया जा रहा है।

HighLights

  1. स्कूल से होटल तक मेन्यू में शामिल कर रहे हैं मोटे अनाज।
  2. स्कूलों में बच्चों को सिखाया जा रहा है पौष्टिक भोजन बनाना।
  3. मिलेट्स में पाए जाते हैं आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम।

 इंदौर। स्वाद के धनी इस शहर में अब सेहत को भी तवज्जो दी जा रही है। इसके लिए शहर के होटल से लेकर स्कूल तक अब सेहतमंद आहार को अपना रहे हैं। होटल अपने मेन्यू में मोटे अनाज को तो शामिल कर रहे हैं, साथ ही बेकरी प्रोडक्ट भी अब ऐसे तैयार हो रहे हैं, जो शरीर को नुकसान न पहुंचाएं।

एक से सात सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरूक करने के साथ पौष्टिक आहार के महत्व के बारे में बताया जाएगा। पिछले कुछ समय से घर के किचन से लेकर होटल के मेन्यू तक में मोटे अनाज से बने व्यंजन अपनी जगह लेने लगे हैं।

होटल-रेस्टोरेंट में मिलेट्स का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। लोगों द्वारा होटल में मिलेट्स से बने व्यंजन की डिमांड की जा रही है। इसके लिए कई होटल में अलग से मेन्यू भी तैयार किया गया है। -सुमित सूरी, होटल एसोसिएशन के सदस्य

मक्का, ज्वार, बाजरा की रोटी का चलन बढ़ गया है। मल्टी ग्रेन की मांग भी बढ़ती जा रही है। कई स्कूलों के लंच में मोटे अनाज का उपयोग बढ़ रहा है। कुछ स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन बनाना भी सिखाया जा रहा है।

बच्चों को देते हैं पौष्टिक आहार

स्कूल में करीब एक हजार बच्चों को हर दिन लंच उपलब्ध कराया जाता है। इसमें हम पौष्टिक आहार ही देते हैं। मेन्यू में हरी सब्जियां, दाल, चावल, रोटी, सलाद, दही रहता है।- उत्तम कुमार झा, सीबीएसई स्कूल के प्राचार्य

मेन्यू में शामिल किए मोटे अनाज

सीबीएसई स्कूल के प्राचार्य उत्तम कुमार झा ने बताया कि हम ध्यान रखते हैं कि बच्चों को जो भोजन दिया जा रहा है, उसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन कार्बोहाइड्रेट आदि तत्व शामिल हों। अब इस मेन्यू में मोटे अनाज को भी शामिल किया जा रहा है।

हर दिन जो मेन्यू दिया जाता है उसके बारे में नोटिस बोर्ड पर लिखा जाता है। इसमें भोजन से मिलने वाले तत्वों के बारे में भी बताया जाता है, ताकि बच्चों को भी पता चले कि इस खाद्य पदार्थ से क्या तत्व मिलते हैं और वे हमारे शरीर के लिए कितने जरूरी हैं।

मिलेट्स से बनते हैं कई व्यंजन

भारत में मिलेट्स के रूप से सबसे ज्यादा ज्वार, बाजरा, रागी और कोरा का उपयोग होता है। इनसे रोटी, पुलाव, उपमा, डोसा, इडली मुख्य रूप से बनाए जाते हैं। बाजार में मिलेट्स का पोहा, पास्ता, नूडल्स भी उपलब्ध है।

वजन कम करने में सहायक

मिलेट्स के कई फायदे हैं। ये धीरे-धीरे पचते हैं और एकदम से रक्त में शकर की मात्रा नहीं बढ़ाते हैं। मिलेट्स में आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो इन्हें गेहूं और चावल से ज्यादा पोषक बनाते हैं। – प्रेरणा पावेचा, न्यूट्रिशनिस्ट

इस तरह फायदा पहुंचाते हैं मिलेट्स

न्यूट्रिशनिस्ट प्रेरणा पावेचा ने बताया कि मिलेट्स में फाइबर की मात्रा अधिक होने से वजन कम करने, मधुमेह और बढ़े कोलेस्ट्राल में अति फायदेमंद है। मिलेट्स पौष्टिकता से भरपूर होने के कारण पूरे विश्व में इसके प्रति जागरूकता बढ़ रही है।

मिलेट्स खाने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है एवं गैस, कब्ज जैसे पेट के रोग नहीं होते हैं। मिलेट्स में एंटीआक्सीडेंट लेवल भी हाई होते हैं। बच्चों को रागी और बाजरा मुख्य रूप से देना लाभकारी है।

ग्राहकों की बढ़ रही डिमांड

सुमित सूरी ने बताया कि इस मेन्यू में मोटे अनाज से बने कई व्यंजन की सूची होती है। लोग सबसे ज्यादा ब्रेकफास्ट और डिनर में इसका उपयोग करना पसंद करते हैं। साथ ही अन्य व्यंजन में भी लोग सेहत को ध्यान में रखकर आर्डर करते हैं।

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