World Hypertension Day 2024: इंदौर में एक साल में बढ़े हाई ब्लड प्रेशर के 77 प्रतिशत मरीज, बच्चों पर भी मंडरा रहा खतरा
इंदौर में एक वर्ष में ब्लड प्रेशल के 77 मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों की मानें तो समय पर भोजन न करने, लंबे समय तक स्क्रीन का प्रयोग करने और व्यायाम न करने से यह समस्या बढ़ रही है।
HIGHLIGHTS
- बिगड़ैल लाइफ स्टाइल बढ़ा रहा बीपी
- 2023 में 42 हजार 967 हुए मरीज
- मरीजों की जांच की संख्या भी बढ़ी
World Hypertension Day 2024 विनय यादव, इंदौर। खानपान के लिए प्रसिद्ध इंदौर के लोग अपनी सेहत के लिए लापरवाही बरत रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक वर्ष में उच्च रक्तचाप के 77 प्रतिशत मरीज बढ़े हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में शहर में 24 हजार 345 मरीज थे। यह संख्या वर्ष 2023 में बढ़कर 42 हजार 967 हो गई है। हालांकि इसका कारण यह भी है कि मरीजों की जांच की संख्या भी बढ़ी है।
उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) का मुख्य कारण अनियंत्रित और तनावभरी जीवनशैली है। पहले यह बीमारी बुजुर्गों में ज्यादा पाई जाती थी, लेकिन अब युवाओं और बच्चों को भी होने लगी है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर यह समस्या गंभीर हो जाए तो हृदय रोग, ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट फेलियर जैसी स्थिति तक बन जाती है। समय पर भोजन न करना, लंबे समय तक स्क्रीन का प्रयोग करना और व्यायाम न करना आदि से खतरा बढ़ जाता है। अनुवांशिकता, मोटापा और बढ़ती उम्र भी कुछ कारण हैं।
120/80 होता है सामान्य व्यक्ति का ब्लड प्रेशर
विशेषज्ञों के मुताबिक एक सामान्य व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। यदि व्यक्ति का बीपी इससे अधिक हो जाए तो इसे हाई बीपी की श्रेणी में रखा जाता है। हाई बीपी होने के बाद दवाइयां खानी पड़ती है, उससे बेहतर है कि इस बीमारी से बचने के लिए हम एहतियात बरतें।
ये हैं इसके लक्षण
सिरदर्द, छाती में दर्द, चक्कर आना, सांस लेने में परेशानी, असामान्य हृदय गति, जी मचलना, उलझन महसूस होना, नकसीर फूटने जैसे लक्षण हाई बीपी के हो सकते हैं। ऐसे में कोई भी लक्षण दिखाई देने पर विशेषज्ञ से संपर्क करें।
बच्चों में भी बढ़ रहा जोखिम
मोटापा बच्चों में उच्च रक्तचाप की आशंका को तीन गुना तक बढ़ा देता है। यह बीमारी मुख्य रूप से हृदय, किडनी, मस्तिष्क और आंखों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती है। यह लकवा और हार्ट फैलियर का भी मुख्य कारण है। नियमित उपचार इस बीमारी की वजह से भविष्य में होने वाले दुष्परिणामों से हमें बचा सकता है। नसीडी के नोडल अधिकारी डाॅ. ओमेश नंदवार ने बताया कि उच्च रक्तचाप के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन इसके पीछे एक कारण यह भी है कि अब बीमारी के प्रति लोग जागरूक होने लगे हैं और इसकी जांच भी अधिक करवाने लगे हैं।
शुरुआती लक्षण दिखने पर शुरू कर दें उपचार
उच्च क्तचाप बढ़ रहीमृत्यु दर का प्रमुख कारण है। शुरुआती लक्षण सामने आने पर उपचार शुरू कर दिया जाए तो इस पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। मोटापा, अव्यवस्थित जीवनशैली, मानसिक तनाव, जंक फूड का लगातार सेवन आदि इसे प्रत्यक्ष रूप से निमंत्रण देने के कारण हैं। – डॉ. राकेश जैन, हृदय रोग विशेषज्ञ
भोजन में नमक की मात्रा कम करने से रोकथाम में होती है मदद
आजकल बच्चों में भी हाई बीपी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। स्वस्थ जीवन शैली, व्यायाम और नियमित रूप से योग करके हाई बीपी की आशंका को कम किया जा सकता है। भोजन में नमक की मात्रा को कम यानी एक दिन में सिर्फ 25 ग्राम नमक का सेवन इसकी रोकथाम में मददगार साबित होता है। -डॉ. प्रियंका जैन, शिशु रोग विशेषज्
ताजा फल व सब्जी आहार में शामिल करें
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें। सिगरेट में निकोटिन कोशिकाओं को संकुचित कर देता है। ताजा फल व सब्जी को दैनिक आहार में शामिल करें। इनमें पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा होती है, जो हाई ब्लड प्रेशर से बचाए रखने में सहायक है। -डॉ. संदीप श्रीवास्तव, हृदय रोग विशेषज्ञ