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Throat Tumor : जबलपुर मेडिकल कालेज में पेट दर्द की शिकायत लेकर आए, परीक्षण में निकला ट्यूमर

गले का ट्यूमर हड्डियों का कैल्शियम चूस रहा। हड्डियां कमजोर होकर टूट रही हैं। पेट संबंधी विकार से पीड़ित हैं। ऐसे कुछ मामले एमपी के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज जबलपुर में जांच के दौरान मिले हैं। यह मरीज लंबे समय से अस्थि एवं जठरांत्र चिकित्सक से परामर्श ले रहे थे। कई महीने तक दवा खाने के बाद भी पीड़ा से राहत नहीं मिल रही थी।

HIGHLIGHTS

  1. कैल्शियम की असंतुलित मात्रा से स्वास्थ्य संबंधी विकार हो रहे थे।
  2. पैराथायराइड संबंधी विकारों को लेकर अभी जागरूकता की कमी है।
  3. जुलाई को पैराथायराइड जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है।

जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज में जांच के दौरान ऐसे रोगी मिले जो लंबे समय से दवा खाने के बाद भी राहत नहीं मिल रही थी। इनकी जांच की गई तो वह पैराथायराइड ग्रंथी के ट्यूमर से पीड़ित मिले, जिसके कारण कैल्शियम की असंतुलित मात्रा से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी विकार हो रहे थे। चिकित्सकों के अनुसार मानव में पैराथायराइड संबंधी विकारों को लेकर अभी जागरूकता की कमी है।

चिकित्सक से परामर्श कर पैराथायराइड ग्रंथी की जांच कराएं

पीड़ित लंबे समय तक परेशान होते रहते है। यदि मांसपेशियों में दर्द, गुर्दे की पथरी, हड्डी कमजोर होने या उसमें दर्द जैसी समस्या है तो पीड़ितों को आवश्यकता होने पर चिकित्सक से परामर्श कर पैराथायराइड ग्रंथी की जांच करानी चाहिए।

पांच वर्ष से पेट दर्द से पीड़ित

50 वर्षीय एक महिला पांच वर्ष से पेट की पीड़ा से पीड़ित थी। वह निरंतर चिकित्सकों के संपर्क में थी। कई स्थान पर उपचार कराया, लेकिन उसे लाभ प्राप्त नहीं हो रहा था। कई वर्ष तक भटकने के बाद महिला मेडिकल कालेज में जांच कराने के लिए पहुंची। जहां, रक्त का परीक्षण में महिला के शरीर में कैल्शियम की मात्रा अधिक मिली, जिसके कारण पीड़िता के पैनक्रियाइज में में सूजन बनी हुई थी। साथ ही उसकी हड्डी कमजोर हो रही थी। इसका कारण महिला के गले में एक छोटा पैराथायराइड ट्यूमर होना पाया गया।

चलते-चलते टूट गई हड्डी

चलते-चलते एक 70 वर्षीय महिला के पैर की हड्डी अचानक टूट गई। चिकित्सकों ने जांच के बाद प्लास्टर किया, लेकिन हड्डी नहीं जुड़ी। तीन महीने तक उपचार जारी रहा। पैर के जिस जगह पर हड्डी टूटी थी, वहां उसे कभी कोई चोट भी नहीं लगी थी। लेकिन समस्त उपचार और सावधानी के बाद भी हड्डी जुड़ नहीं रही थी। आशंका होने पर अन्य आवश्यक परीक्षण कराए गए। तब महिला के पैराथयराइड से पीड़ित होने का पता चला। गले की ग्रंथि में ट्यूमर के हड्डियों का कैल्शियम चूस लेने से महिला को समस्या थी।

सर्जरी के बाद स्वास्थ्य पीड़ित

जांच में पैराथायराइड ग्रंथि में ट्यूमर का पता चलने पर पीड़ितों की मेडिकल कालेज में सर्जरी की गई। थायराइड एवं एंडोक्राइन केंद्र के विशेषज्ञ चिकित्सक ने आपरेशन करके ग्रंथि के ट्यूमर को निकाल दिया। सर्जरी के बाद दोनों मरीज स्वस्थ्य है।

मेडिकल कालेज मध्य भारत का अग्रणी स्तन, थायराइड एवं एडोक्राइन केंद्र

उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज में मध्य भारत का अग्रणी स्तन, थायराइड एवं एडोक्राइन केंद्र है। जहां, पीड़ितों का नि:शुल्क उपचार होता है। चिकित्सकों के अनुसार यदि आरंभ में ही विशेषज्ञ चिकित्सक से पीड़ित को परामर्श प्राप्त हो जाता है तो शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की संभावना रहती है। विलंब होने पर शरीर के अन्य अंगों को क्षति पहुंचने की आशंका रहती है।

ट्यूमर पनपने पर लगभग समस्त अंगों को प्रभावित करता है

मानव के गले में चावल के दाने के बराबर चार ग्रंथियां होती है। यह शरीर में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करती है। इस ग्रंथि में ट्यूमर पनपने पर वह शरीर के लगभग समस्त अंगों को प्रभावित करता है। ट्यूमर हड्डी के कैल्शियम को चूसता और उसे रक्त में प्रवाहित कर देता है।

 

रक्त में कैल्शियम की अतिरिक्त मात्रा धीरे-धीरे विभिन्न अंगों में एकत्रित होने लगती है और शरीर में समस्या उत्पन्न करती है। किसी भी ट्यूमर के मामले में वह नींबू के आकार तक का होता सकता है। इतने छोटे आकार के बावजूद वह शरीर को गंभीर क्षति पहुंचाता है। इस स्थिति में पीड़ित को हृदय, मस्तिष्क, अग्न्याश्य संबंधी समस्या परेशान कर सकती है।

– डा. संजय यादव, थायराइड एवं एंडोक्राइन विशेषज्ञ, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज

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