Health News : दर्द निवारक दवाएं ज्‍यादा न लें, स्वत: ठीक हो जाते हैं, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं"/>

Health News : दर्द निवारक दवाएं ज्‍यादा न लें, स्वत: ठीक हो जाते हैं, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

Health News : जबलपुर के पेन मैनेजमेंट विशेषज्ञ डा. मयंक चंसोरिया बोले-यदि दर्द बढ़ जाए यानी क्रानिक स्थिति है तो पेन मैनेजमेंट का सहारा लेना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. दर्द पैदा करने वाली नसों में दवा डालकर राहत पहुंचाई जा सकती है।
  2. अकड़न, जकड़न, जोड़ों व हड्डियों का दर्द सताने लगे तो सतर्क हो जाएं।
  3. जोड़ों में दर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या से परेशान होते हैं।

Health News : हर दर्द का इलाज दवाएं नहीं हैं। शरीर के कई दर्द स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से स्वत: दूर हो जाते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम व संतुलित खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि दर्द बढ़ जाए यानी क्रानिक स्थिति है तो पेन मैनेजमेंट का सहारा लेना चाहिए। असल में बढ़ती उम्र के साथ हडि्डयां कमजोर होने लगती हैं। इसकी मुख्य वजह पोषक तत्वों की कमी होती है।

अकड़न, जकड़न, जोड़ों व हड्डियों का दर्द सताने लगे तो सतर्क हो जाना चाहिए

शरीर में कहीं चोट लग जाए, पोषक तत्वों की कमी व संक्रमण दर्द का कारण बनते हैं। परंतु यदि कम उम्र में अकड़न, जकड़न, जोड़ों व हड्डियों का दर्द सताने लगे तो सतर्क हो जाना चाहिए। क्याेंकि यदि विद्यार्थी दर्द से परेशान होते हैं तो उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। कामकाजी व नौकरीपेशा लोग जिम्मेदारी का बेहतर तरीके से निर्वहन नहीं कर पाते हैं।

दर्द पैदा करने वाली नसों में दवा डालकर राहत पहुंचाई जा सकती है

क्रानिक दर्द को बिना चीरफाड़ की प्रक्रिया अपनाए दूरबीन की सहायता से दर्द पैदा करने वाली नसों में दवा डालकर राहत पहुंचाई जा सकती है। लिहाजा शरीर में दर्द की शुरुआत हो तो बिना देर किए स्वस्थ जीवनशैली अपना लेना चाहिए। ताकी वह क्रानिक न होने पाए। यह जान लेना आवश्यक है कि कमर दर्द के 70 प्रतिशत मामले पैदल चलने व व्यायाम करने से ठीक हो जाते हैं। वहीं यदि घुटनों मेें सूजन व दर्द है तो यह स्थिति गठिया यानी आर्थराइटिस के कारण हो सकती है।

जोड़ों में दर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या से परेशान होते हैं

मोटापा का शिकार लोग जोड़ों में दर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या से परेशान होते हैं। ऐसे तमाम लोग दर्द से राहत पाने के लिए दर्द निवारक दवाओं का सेवन करने लगते हैं। जबकि मोटापा पर नियंत्रण कर वे दर्द से राहत पा सकते हैं। इसी तरह मांसपेशियों में दर्द पोटेशियम की कमी से हाेता है। मसल्स की कमजोरी के कारण होने वाले दर्द को दूर करने के लिए दवा का सहारा लेने से बेहतर शारीरिक सक्रियता यानी व्यायाम पर ध्यान देना चाहिए।

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