Monsoon Diseases: बारिश के मौसम में बढ़े वायरल के मरीज, घट रही हैं प्लेटलेट्स, लक्षण देख डाॅक्टर हैरान

डॉक्‍टरों का कहना है कि बारिश के मौसम में बीमारियों को लेकर सतर्क रहने की आवश्‍यकता है। इन दिनों गंदगी और जल जमाव की समस्या रहती है। इस वजह से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है।जल जमाव वाले स्थलों पर एंटी लार्वा स्प्रे व फागिंग जरूरी है। खानपान में भी सतर्कता बरतनी आवश्‍यक है।

HIGHLIGHTS

  1. सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के साथ इंफेक्शन बढ़ा रहा वायरल।
  2. हालत यह है कि अस्‍पताल में भर्ती तक करने पड़ रहे हैं मरीज।
  3. घर और कार्य स्थल पर साफ-सफाई का ध्यान रखना आवश्‍यक।

बारिश के मौसम में वायरल बुखार के मामले बढ़ गए हैं। गजराराजा मेडिकल कालेज के जयारोग्य अस्पताल और जिला अस्पताल मुरार में वायरल बुखार के मरीज काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों का प्रतिशत 40 फीसदी है। खासबात यह है कि वायरल बुखार के साथ प्लेटलेट्स कम होने की बात सामने आ रही है। लक्षण बिल्कुल डेंगू बुखार जैसे हैं, लेकिन जांच में डेंगू निगेटिव आ रहा है।

पीडी में औसतन 500 मरीज पहुंच रहे

जिला अस्पताल की मेडिसिन विभाग की ओपीडी में औसतन 500 मरीज पहुंच रहे हैं। जिनमें से वायरल बुखार के करीब 35 से 40 फीसद मरीज होते हैं। इनमें 20 प्रतिशत मरीजों में वायरल बुखार के साथ प्लेटलेट्स घटने की बात सामने आ रही है।

  • ग्‍वालियर के जिला अस्पताल मुरार के मेडिसिन विशेषज्ञ डाॅ. नीतेश मुदगल ने बताया कि सामान्य व्यक्ति में 1.50 लाख प्लेटलेट्स होती है।
  • वायरल बुखार में मरीज में प्लेटलेट्स काउंट 35 से 50 हजार तक आ रहा है। ये स्थिति डेंगू के मरीज में होती है। हालांकि जांच में डेंगू सामने नहीं आ रहा है।
  • डाॅ. मुदगल ने कहा कि वायरस संक्रमण के दौरान शरीर में प्लेटलेट्स की खपत दूसरी रक्त कोशिकाओं की तुलना में ज्यादा हो जाती है।
  • अनेक बैक्टीरिया के संक्रमण व दर्द की दवाओं के प्रभाव से भी प्लेटलेट्स कम हो सकती है। इसलिए वायरल बुखार होने पर तत्काल डाॅक्टर को दिखाकर उपचार लेने की जरूरत है।
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  • ये लक्षण होने पर हो जाएं सतर्क

    104 डिग्री तक तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, चक्कर आना, हाथ-पैर व जोड़ों में दर्द ये लक्षण वायरल बुखार के हैं। ये लक्षण होने पर सतर्क हो जाएं। बिना देरी किए चिकित्सक को दिखाएं।

  • वायरल बुखार के मरीज काफी आ रहे हैं। इसमें प्लेटलेट्स घटती है। इसकी कई वजह हैं। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। डेंगू की जांच कराने की आवश्यकता है। वर्षा का मौसम है। मच्छर जनित व जल जनित बीमारियां होती हैं।– डाॅ. नीतेश मुदगल, एमडी मेडिसिन, जिला अस्पताल मुरार

    वायरल बुखार के कारण व बचाव

    बारिश के मौसम में गंदगी और जल जमाव की समस्या रहती है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। दूषित भोजन और दूषित पानी पीने से वायरल बुखार आ सकता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी वायरल बुखार अपनी चपेट में ले सकता है। बचाव यही है कि घर और कार्य स्थल पर साफ-सफाई का ध्यान रखें। मच्छरदानी या मच्छर भगाने के उपाय अपनाएं। जल जमाव वाले स्थलों पर एंटी लार्वा स्प्रे व फागिंग जरूरी है। शुद्ध पेयजल व ताजा भोजन ही लें। बिना चिकित्सक की सलाह लिए अपने से दर्द की दवाएं न लें।

    बच्चों को भी परेशान कर रहा वायरल

    शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ.घनश्याम दास बताते है कि इस समय बच्चों को भी वायरल बुखार सता रहा है। ओपीडी में चालीस फीसदी बच्चे वायरल की चपेट में आकर उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। वायरल के कारण बच्चों के लीवर पर सूजन की शिकायत भी सामने आ रही है। वहीं वायरल पांच से सात दिन का समय जाने में ले रहा है। ऐसा वायरल के नेचर चेंज कर लेने से हुआ है।

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