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Taiwan Earthquake: भूकंप के बाद सुनामी आएगी या नहीं, जानें कैसे जारी होता है अलर्ट, भारत में ये है व्यवस्था

HIGHLIGHTS

  1. बड़े भूकंप के बाद तटीय देशों में सुनामी की आशंका काफी बढ़ जाती है।
  2. साल 2004 में हिंद महासागर में भयावह सुनामी आई थी तो इस प्राकृतिक आपदा में करीब 2.5 लाख लोग मारे गए थे।
  3. साल 2004 तक हिंद महासागर में सुनामी अलर्ट जारी करने को लेकर कोई विशेष व्यवस्था नहीं थी।

डिजिटल डेस्क, इंदौर। ताइवान के तटीय क्षेत्रों में बुधवार सुबह 7.5 की तीव्रता वाला भूकंप आया है और इसके बाद ताइवान में सुनामी आने की भी चेतावनी जारी की है, लेकिन जापान के मौसम विभाग के सुनामी की अटकलों को टाल दिया है। किसी बड़े भूकंप के बाद तटीय देशों में सुनामी की आशंका काफी बढ़ जाती है और इसमें भारी जानमाल का नुकसान होता है। ऐसे में हम यहां आपको सुनामी के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। कब और कैसे इसको लेकर अलर्ट जारी किया जाता है।

जानें क्या होती है Tsunami Warning System (TWS)

जब अलग-अलग महासागरों में जब भी अधिक तीव्रता वाला भूकंप आता है तो Tsunami warning system तत्काल अलर्ट हो जाता है और सबसे पहले भूकंप की तीव्रता के आधार पर सुनामी आएगी या नहीं आएगी, इसका मूल्यांकन किया जाता है। पूरी दुनिया में सुनामी का अलर्ट जारी करने के लेकर अलग-अलग व्यवस्था है।

प्रशांत महासागर को लेकर अमेरिका देता है अलर्ट

 

प्रशांत महासागर में यदि भूकंप आता है तो इससे जुड़ी हुई सुनामी की चेतावनी Pacific Tsunami Warning Center (PTWC) की ओर से जारी जाती है। यह सेंटर अमेरिका द्वारा संचालित किया जाता है। इसके अलावा अलास्का, मेक्सिको की खाड़ी या उत्तरी अमेरिका के लिए सुनामी की चेतावनी National Tsunami Warning Center (NTWC) की ओर से जारी की जाती है। इसी प्रकार दुनिया में अलग-अलग महासागरों के लिए सुनामी के चेतावनी जारी करने की जिम्मेदारी भी अलग-अलग सेंटर व देशों के पास है।

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हिंद महासागर में सुनामी का अलर्ट

साल 2004 में हिंद महासागर में भयावह सुनामी आई थी तो इस प्राकृतिक आपदा में करीब 2.5 लाख लोग मारे गए थे। साल 2004 तक हिंद महासागर में सुनामी अलर्ट जारी करने को लेकर कोई विशेष व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में साल 2004 की घटना से सबक लेते हुए साल 2005 में जापान के कोबे शहर में इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन आयोजित किया गया था और हिंद महासागर के लिए सुनामी चेतावनी केंद्र स्थापित करने पर सहमति बनी। हिंद महासागर में ऐसी गतिविधियों पर नज़र रखने की जिम्मेदारी विशेष तौर पर भारत, जापान और इंडोनेशिया जैसे देशों पर है।

भारत के पास है उन्नत प्रणाली

भारत दुनिया के उन चुनिंदा 5 देशों में शामिल है, जिनके पास उन्नत Tsunami warning system (TWS) है। साल 2004 के तबाही के बाद भारत में इस दिशा में तेजी से काम किया है। भारत में Indian National Centre for Ocean Information Services (INCOIS) इससे संबंधित गतिविधियों पर नजर रखता है। यह सेंटर हर 5 मिनट के अंतराल के बाद समुद्र में आने वाले ज्वार भाटे के डेटा को प्राप्त करता है। यह 17 अन्य भूकंपीय स्टेशनों, हिमालय जोन की गतिविधियों पर नजर रखने वाले रिसर्च सेंटर और 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मौसम स्टेशनों से भी जानकारी एकत्रित करता है। यह स्टेशन भारत के आसपास के करीब 5000 किमी क्षेत्र की समुद्री व मौसमी गतिविधियों पर नज़र रखता है।

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