Glaucoma: ग्लूकोमा के कारण जा सकती है आंखों की रोशनी, बचाव के लिए लाइफस्टाइल में शामिल करें ये आदतें
HIGHLIGHTS
- नियमित करीब 40 मिनट वर्कआउट करने से आंखों के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होने के आंखों की रोशनी बढ़ती है।
- यदि शरीर में इंट्राऑकुलर दबाव कम होता है तो ग्लूकोमा का खतरा बढ़ जाता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। हमारी रोजमर्रा की जीवनशैली हमारे स्वास्थ्य को निर्धारित करती है। अनियमित दिनचर्या के कारण बीते कुछ सालों में ग्लूकोमा के मरीजों की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. महावीर दत्तानी के मुताबिक, ग्लूकोमा एक सामान्य नेत्र रोग है, जिसमें उच्च नेत्र दबाव के कारण ऑप्टिक तंत्रिकाओं को नुकसान होता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव कर ग्लूकोमा के खतरे को कम किया जा सकता है।
रोज 40 मिनट वर्कआउट करें
नियमित करीब 40 मिनट वर्कआउट करने से आंखों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। ब्लड सर्कुलेशन ठीक होने के आंखों की रोशनी बढ़ती है। यदि शरीर में इंट्राऑकुलर दबाव कम होता है तो ग्लूकोमा का खतरा बढ़ जाता है। सप्ताह में 4 दिन कार्डियो एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए।
वजन कंट्रोल में रखें
मोटापा और अधिक वजन होने से ग्लूकोमा होने का खतरा बढ़ जाता है। संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। फल, सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन और स्वस्थ वसा का सेवन करने से ग्लूकोमा नहीं होता है। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, मीठे स्नैक्स और पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
आंखों को चोटिल होने से बचाएं
आंखों पर चोट लगने से भी ग्लूकोमा हो सकता है। खेलों में भाग लेते समय आंखों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा तेज वस्तुओं या रसायनों के प्रति भी सावधान रहें।
धूम्रपान से बचें
धूम्रपान और भारी शराब के सेवन से भी ग्लूकोमा का जोखिम बढ़ जाता है। यदि आप धूम्रपान करते हैं या शराब पीते हैं तो इसका संयमित मात्रा में ही सेवन करें। धूम्रपान छोड़ने और शराब का सेवन कम करने से ग्लूकोमा के खतरे को कम किया जा सकता है। जीवनशैली में ये बदलाव करके आप ग्लूकोमा के खुद को बचा सकते हैं और खुद का जीवन रोशन रख सकते हैं।