माइक्रो बैक्टीरिया के कारण होता है टीबी, पढ़ें लक्षण और बचाव के तरीके"/> माइक्रो बैक्टीरिया के कारण होता है टीबी, पढ़ें लक्षण और बचाव के तरीके"/>

माइक्रो बैक्टीरिया के कारण होता है टीबी, पढ़ें लक्षण और बचाव के तरीके

हेल्थ डेस्क, इंदौर। टीबी एक संक्रामक रोग है जो कि माइक्रो बैक्टीरिया के कारण होता है। वर्षों तक इसे गरीबों की बीमारी माना जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में दुनियाभर के तमाम बड़े-बड़े शहरों में अपर मिडिल क्लास और पूरी तरह से संपन्न माने जाने वाले लोगों में यह रोग पैर पसार चुका है। टीबी रोग को अन्य कई नाम से भी जाना जाता है, जैसे भारत में इसे तपेदिक, क्षय रोग तथा यक्ष्मा भी कहा जाता है। डा.हेमंत माहोर, मेडिकल आफिसर टीबी अस्पताल हमीदिया ने टीबी को लेकर विस्तार से ब

टीबी आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन ये रीढ़ की हड्डी, किडनी, अंडाशय और यहां तक कि मस्तिष्क में भी विकार उत्पन्न कर देता है। किसी रोगी के खांसने, बात करने, छींकने या थूकने के समय बलगम व थूक की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिनमें उपस्थित बैक्टीरिया कई घंटों तक हवा में रह सकते हैं और सांस लेते समय स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करके रोग पैदा करते हैं।
 

टीबी के लक्षण

टीबी के लक्षणों की बात करें तो भूख न लगना, कम लगना और वजन अचानक कम हो जाना। बेचैनी एवं सुस्ती छाई रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट रहना व रात में पसीना आना। हलका बुखार रहना, हरारत रहना। खांसी आते रहना, खांसी में बलगम आना तथा बलगम में खून आना। कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना।

टीबी के बचाव

टीबी से बचाव की बात करें तो दो हफ्तों से अधिक समय तक खांसी रहती है, तो डाक्टर को दिखाएं और बलगम की जांच करवाएं। बीमार संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें। रोगी से मिलने जा रहे हों तो मास्क पहनें। अगर कोई टीबी से संक्रमित है तो उसको तुरंत ही पास के अस्पताल में दिखाना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button