Health News : परिवार में हो ग्लूकोमा तो जरूर कराएं आंखों की जांच"/>

Health News : परिवार में हो ग्लूकोमा तो जरूर कराएं आंखों की जांच

HIGHLIGHTS

  1. बीमारी को नजरअंदाज किया जाता है।
  2. आंखों की बनावट गुब्बारे की तरह होती है।
  3. आंखों की रोशनी कम होने लगती है।

Health News : परिवार के किसी सदस्य को ग्लूकोमा यानी काला मोतिया बीमारी हो तो सावधानी जरूरी है। इस स्थिति में परिवार के सभी सदस्यों को नियमित रूप से आंखों की जांच कराना चाहिए। 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वर्ष में एक बार अनिवार्य रूप से आंखों की जांच कराते हुए आई प्रेशर का पता लगाना चाहिए। जागरूकता से ग्लूकोमा को हराया जा सकता है।

अंधत्व के खतरे को टाला जा सकता है

यदि समय रहते बीमारी का पता चल जाए तो अंधत्व के खतरे को टाला जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि पिता को काला मोतिया है तो बच्चों की आंखों की जांच जरूर नियमित रूप से कराते रहें। आई प्रेशर से ग्लूकोमा के खतरे का पता चल जाता है। काला मोतिया ऐसी स्थिति है जो आंख के पिछले हिस्से में आप्टिव नर्व को प्रभावित करती है। इससे आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। आप्टिक नर्व आंख से मस्तिष्क को जानकारी भेजने का काम करती है।

आंखों की बनावट गुब्बारे की तरह होती है

आंखों की बनावट गुब्बारे की तरह होती है। जिसके भीतर तरल पदार्थ भरा होता है। आंखों के भीतर यह तरल पदार्थ बनता रहता है, जो आंखों को नमी प्रदान करती है। परंतु जब आंखों में तरल पदार्थ बनने व बाहर निकलने की प्रक्रिया बाधित होने लगती है तो आंखों पर दबाव बढ़ता है और आप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है। इस दशा में आंखों की रोशनी कम होने लगती है तथा ग्लूकोमा की स्थिति बनती है। ग्लूकोमा में मरीज को ज्यादा तकलीफ नहीं होती है इसलिए इस बीमारी को नजरअंदाज किया जाता है।

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