Yoga For Diabetes: अनियमित जीवनशैली है तो बढ़ जाता है डायबिटीज का खतरा, 30 की उम्र के बाद जरूर करें ये योगासन"/>

Yoga For Diabetes: अनियमित जीवनशैली है तो बढ़ जाता है डायबिटीज का खतरा, 30 की उम्र के बाद जरूर करें ये योगासन

HIGHLIGHTS

  1. शरीर में नॉर्मल शुगर लेवल खाली पेट 70-100 mg और खाने के 2 घंटे के बाद 100-140 mg होता है।
  2. यदि 10-10 यूनिट ज्यादा है मतलब डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है और वह व्यक्ति प्री डायबीटिक है।
  3. डायबिटीज की बीमारी भी दो प्रकार की होती है। इसमें टाइप-1 डायबिटीज 10 से 30 साल तक के लोगों में ज्यादा होती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। अनियमित दिनचर्या और खानपान में लापरवाही के कारण इन दिनों कम उम्र में ही लोगों डायबिटीज की समस्या हो जाती है। डायबिटीज की बीमारी भी दो प्रकार की होती है। इसमें टाइप-1 डायबिटीज 10 से 30 साल तक के लोगों में ज्यादा होती है। कभी-कभी जन्म से ही बच्चे में टाइप-1 डायबिटीज की समस्या होती है। शरीर में जब अग्नाशय ठीक से विकसित नहीं हो पाता है तो यह समस्या होती है। वहीं दूसरी ओर टाइप-2 डायबिटीज अनियमित जीवन शैली के कारण होती है, जिसे दवाइयों और योग के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है।

शरीर में कितनी होनी चाहिए शुगर

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, शरीर में नॉर्मल शुगर लेवल खाली पेट 70-100 mg और खाने के 2 घंटे के बाद 100-140 mg होता है। यदि 10-10 यूनिट ज्यादा है मतलब डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है और वह व्यक्ति प्री डायबीटिक है। ऐसे में कुछ योगासन का अभ्यास करके डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। यहां योगा एक्सपर्ट अल्पना पांडेय कुछ योगासनों के बारे में जानकारी दे रही हैं, जिनका रोजाना अभ्यास करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

सूर्य नमस्कार

रोजाना 10 से 12 सूर्य नमस्कार का अभ्यास लाभकारी है। यह योगासन कई आसनों का समुच्चय है। इसके अभ्यास से शरीर में लचीलापन भी बना रहता है।

अर्ध मत्स्येंद्र आसन

naidunia_image

अर्ध मत्स्येंद्र आसन पाचन में सुधार करता है। शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। थकान काम करता है। अग्नाशय, लीवर, किडनी, फेफड़े को सक्रिय करता है।

हलासन

naidunia_image

यह योगासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। नाड़ी तंत्र शुद्ध होता है। शरीर के विकार दूर होते हैं।

शशांकासन

naidunia_image

पेट की चर्बी दूर करके पाचन तंत्र को मजबूत करता है। मानसिक तनाव दूर होता है। शरीर में हल्कापन महसूस होता है।

शलभासन

पेट में दबाव पड़ने से पैंक्रियाज सक्रिय होता है। इस योगासन को डायबिटीज के मरीजों को रोज करना चाहिए। रीढ़ मजबूत होती है। शरीर में लचीलापन आता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button