काम की खबर: फेफड़ों का दम निकाल सकती है शीतलहर, इन बातों का रखें विशेष ध्यान
HIGHLIGHTS
- सर्दियों के दौरान श्वसन समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
- ठंडी हवा के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- शुष्क हवा श्वसन नली को कवर करने वाली श्लेष्मा झिल्ली को भी सुखा देती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। सर्दियों के मौसम में हवा ठंडी और शुष्क हो जाती है, जिससे श्वसन स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरा पैदा हो जाता है। ऐसे समय में फेफड़ों को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि फेफड़ों के जरिए ही हमारे शरीर को ऑक्सीजन पहुंचती है। उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में इन दिनों शीतलहर चल रही है और ऐसे में फेफड़ों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट रहना चाहिए। सर्दियों में फेफड़ों को लेकर किन बातों की सावधानी रखना चाहिए। इस बारे में यहां विस्तार से जानकारी दे रहे इंदौर के Pulmonologist डॉ. प्रमोद झवर।
सर्दियों में लंग्स सेफ्टी क्यों जरूरी
डॉ. प्रमोद झवर के मुताबिक, सर्दियों के दौरान श्वसन समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है, क्योंकि ठंडी हवा के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। शुष्क हवा श्वसन नली को कवर करने वाली श्लेष्मा झिल्ली को भी सुखा देती है और इस कारण से वायरस और बैक्टीरिया को फंसाना और खत्म करना कठिन हो जाता है। श्वांस नली में इरिटेशन होने से वह सिकुड़ने लगती है, जिसे ब्रॉन्को स्पैस्म (bronchospasm) कहते हैं। ऐसे में लोगों को सर्दियों में सांस लेने में तकलीफ होना, कफिंग, वीजिंग आदि की समस्या होने लगती है।
सर्दियों में ऐसे रखें फेफड़ों का ध्यान
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- शीतलहर चलने पर घर से बाहर कम निकलना चाहिए। ज्यादातर समय घर से भीतर ही बिताना चाहिए। बहुत ज्यादा ठंड को तो घर के अंदर भी गर्म कपड़े या मफलर गले में डालकर रखना चाहिए।
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- घर बाहर जाएं तो मुंह और नाक को ढक कर रखें। नाक या मुंह के जरिए ठंडी हवा सीधी फेफड़ों में नहीं जाना चाहिए। इसलिए स्कार्फ या मास्क पहनना चाहिए।
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- ठंड में सुबह-सुबह एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए। फेफड़ों के लिए यह काफी तनाव भरा हो सकता है। सांस लेने में अधिक तकलीफ हो सकती है।
- सर्दी में लोग पानी कम पीते हैं। ऐसे में पानी की कमी से म्यूकस की परत मोटी होने लगती है और इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा तकलीफ होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।