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Problems In Ear: बहरेपन का हो सकते हैं शिकार, इन चीजों का न करें इस्तेमाल

गाना सुनने से लेकर मूवी या फिर ऑफिस की मीटिंग अटैंड करना हो ईयरफोन का इस्तेमाल काफी काॅमन हो गया है। कई लोग शौकिया तौर पर भी अपने कानों में ईयरफोन लगाए रखते हैं, जो कि आपके कानों के लिए काफी हानिकारक होता है। इससे कई तरह से साइड इफेक्ट्स देखने को मिल रहे हैं।

HIGHLIGHTS

  1. ईयरफोन से निकलने वाली आवाज ईयरड्रम के करीब से टकराती है।
  2. समस्या ज्यादा बढ़ने पर बहरेपन का खतरा बढ़ जाता है।
  3. बचाव के लिए हमें इसकी नियमित जांच करवाना चाहिए।

हेल्थ डेस्क, इंदौर। Earphone Side Effects: ईएनटी विशेषज्ञ, डाॅ हिना बक्षी के मुताबिक, आज के दौर में बच्चों और युवाओं के बीच ईयरफोन लगाना एक फैशन बन चुका है, लेकिन इसके अधिक उपयोग के कारण बहरेपन एवं अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। अधिक और तेज आवाज में उपयोग के कारण कम उम्र में ही लोगों को कम सुनने की शिकायत होने लगी है। फिर भी लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं। लोगों को यह जानना जरूरी है कि यदि तेज आवाज के कारण कान की नस को नुकसान पहुंचता है तो उसके ठीक होने की संभावना काफी कम रहती है।

ईयरफोन के ज्यादा इस्तेमाल से न केवल सुनने की क्षमता प्रभावित होती है, बल्कि कान में इंफेक्शन और पर्दे भी खराब होने की आशंका हो जाती है। ईयरफोन से निकलने वाली आवाज ईयरड्रम के करीब से टकराती है। ऐसे में ईयरड्रम को नुकसान होने की आशंका रहती है। समस्या ज्यादा बढ़ने पर बहरेपन का खतरा बढ़ जाता है। पिछले 10 सालों में पोर्टेबल ईयरफोन से आने वाले लाउड म्यूजिक के कई इफेक्ट्स देखने को मिले हैं। ईयरफोन का उपयोग करने से सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को होता है।

बहरेपन की समस्या

कई वर्षों तक लगातार ईयरफोन का उपयोग किया जा रहा है, तो बहरेपन की समस्या हो सकती है। यह समस्या सबसे अधिक युवा वर्ग में देखने को मिल रही है। इसके अलावा जिन स्थानों पर अधिक शोर होता है, जैसे ट्रैफिक पुलिसकर्मी, फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर इनमें भी यह समस्या देखने को मिल रही है। इससे बचाव के लिए हमें इसकी नियमित जांच करवाना चाहिए।

डिस्क्लेमर

यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

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