Health Tips: उम्र के साथ बढ़ता है प्रोस्टेट का खतरा, व्यायाम और आहार से मिलेगा लाभ
HIGHLIGHTS
- आमतौर पर 50 वर्ष की आयु के बाद पुरुषों में प्रोस्टेट की समस्या होने लगती है। इसे नजरअंदाज ना करें।
- बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्राशय और मूत्रमार्ग पर दबाव डालता है, जिससे मरीज को बार-बार पेशाब करने जाना पड़ता है।
- प्रोस्टेट का स्तर जानने के लिए शारीरिक परीक्षण, प्रोस्टेट का आकार मापने के लिए सोनोग्राफी की जाती है।
Health Tips: नईदुनिया प्रतिनिधि)। उम्र बढ़ने के साथ कई बार अलग-अलग शारीरिक विकार होने लगते हैं। अगर बार-बार पेशाब जाना पड़ता हो, रात में उठना पड़ता हो, धीरे-धीरे, रुक-रुक कर पेशाब आती हो तो यह प्रोस्टेट की समस्या हो सकती है। प्रोस्टेट को पौरुष ग्रंथि कहा जाता है।
ये लक्षण होते हैं
बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्राशय और मूत्रमार्ग पर दबाव डालता है, जिससे मरीज को बार-बार पेशाब करने (विशेषकर रात में) जाना, पेशाब शुरू करने या रोकने में मुश्किल आना, पेशाब की धार कमजोर होना, मूत्राशय का अधूरा खाली होना, पेशाब या सीमन में खून आना, पेशाब करते वक्त दर्द होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना या सामान्य सेक्सुअल फंक्शन जैसी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
सही समय पर उपचार मिले तो रुक जाती है वृद्धि
प्रोस्टेट का स्तर जानने के लिए शारीरिक परीक्षण, प्रोस्टेट का आकार मापने के लिए सोनोग्राफी, मूत्र प्रवाह का आकलन करने के लिए यूरोफ्लोमेट्री परीक्षण, साथ ही पीएसए और अन्य जांचें की जाती हैं। अगर उपचार सही समय पर हो जाए तो दवाइयों और परहेज से प्रोस्टेट को और बढ़ने से रोका जा सकता है।
इन चीजों को आहार में करें शामिल
इससे बचाव के लिए तनावमुक्त जीवन, नियमित व्यायाम एवं लाइकोपीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पपीता, मौसंबी, तरबूज, अमरूद, गाजर, खुबानी, गोभी आदि एवं जिंक की पूर्ति करने के लिए पोल्ट्री, सी फूड, नट्स, तिल और कद्दू के बीज आदि को आहार में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा धूमपान एवं शराब के सेवन से दूरी भी इस रोग से बचाव के लिए कारगर सिद्ध हो सकती है।