National Hindi Diwas 2023: इस कारण 14 सितंबर को ही मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानें क्या है इतिहास
HIGHLIGHTS
- भारत के अलावा हिंदी अन्य कई देशों में भी बोली जाती है।
- विदेशों में बसे भारतीयों को हिंदी भाषा ही जोड़ने का काम करती है।
- यदि हिंदी दिवस मनाने की बात की जाए तो यह दिन साल में दो बार आता है।
National Hindi Diwas 2023। हिंदी दुनिया में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। आमतौर पर यह माना जाता है कि हिंदी भारत में ही सबसे अधिक बोली जाती है, लेकिन भारत के अलावा हिंदी अन्य कई देशों में भी बोली जाती है। इसके अलावा विदेशों में बसे भारतीयों को हिंदी भाषा ही जोड़ने का काम करती है। यदि हिंदी दिवस मनाने की बात की जाए तो यह दिन साल में दो बार आता है। पहला विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है।
हिंदुस्तान को जोड़कर रखती है हिंदी
भारत में भले ही 22 भाषाएं और कई लिपियां है, लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है, जो पूरे देश को जोड़कर रखती है। बीते कुछ सालों में आम बोलचाल में हिंदी भाषा के शब्दों का प्रयोग कम हुआ है, इस चिंता के मद्देनजर हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता फैलाने और गौरवशाली इतिहास को जीवंत करने के लिए हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है।
ऐसे हुई थी राष्ट्रीय हिंदी दिवस की शुरुआत
भारत में हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत आजादी के बाद हुई थी, लेकिन इसकी नींव आजादी के पहले 1946 में ही रख दी गई थी। साल 1946 में 14 सितंबर के दिन ही पहली बार संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था। तब 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाने के फैसला लिया गया था और आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था।
इसलिए हिंदी दिवस मनाने की जरूरत पड़ी
भारत में अंग्रेजों के जाने के बाद भी अंग्रेजी भाषा का महत्व कम नहीं हो रहा था। अंग्रेजी भाषा के बढ़ते महत्व और आम बोलचाल में हिंदी के प्रचलन में कमी को देखते हुए हिंदी दिवस मनाने का फैसला लिया गया था। महात्मा गांधी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का सुझाव दिया था, लेकिन हिंदी फिलहाल राष्ट्रभाषा तो नहीं है, लेकिन देश की राजभाषा जरूर मानी जाती है।