Madhumita Shukla Hatyakand: अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि की रिहाई पर रोक से SC का इनकार, नोटिस जारी
लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के चर्चित कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड (Madhumita Shukla Murder Case) में सजा काट रहे प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
सर्वोच्च अदालत ने दोनों की समय पूर्व रिहाई के जेल प्रशासन के फैसले को बहाल रखा है। मधुमिता के परिवार ने इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
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मैं यूपी के राज्यपाल और यूपी के सीएम से दोनों की रिहाई रोकने का अनुरोध करती हूं। आरटीआई आवेदनों में कहा गया है कि अमरमणि वास्तव में कभी जेल नहीं गए थे। वह कुछ भी कर सकते हैं। क्या होगा अगर उन्होंने मेरी हत्या कर दी, तो इस मामले की पैरवी करने वाला कोई नहीं बचेगा? यूपी में किस तरह की कानून व्यवस्था है?
बता दें, मामले में अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन अच्छे कारण के हवाला देते हुए दोनों को जल्द रिहाई का फैसला लिया गया है।
कैसे हुई थी मधुमिता शुक्ला की हत्या
जानिए क्या है समय पूर्व रिहाई का नियम
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- अच्छे आचरण के आधार पर कैदी को हर माह तीन से सात दिनों की सजा की माफी मिलती है। इसे काटी गई सजा में जोड़कर जल्द रिहाई का हिसाब लगाया जाता है।
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- इस केस में कारागार विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, अभी अमरमणि त्रिपाठी की उम्र 66 साल है। वह 22 नवंबर 2022 तक 17 वर्ष, नौ माह व चार दिन की सजा काट चुके हैं।
- मधुमणि की उम्र 61 वर्ष है। वह 22 नवंबर, 2022 तक 17 वर्ष, तीन माह व नौ दिन की सजा काट चुकी हैं।