‘दृश्यम 2’ का क्लाइमैक्स कर देगा हैरान, 7 साल बाद पुराने अंदाज…
फिल्म: दृश्यम 2
निर्देशक: अभिषेक पाठक
प्रमुख स्टार कास्ट: अजय देवगन, अक्षय खन्ना, तबु, श्रिया सरन और इशिता दत्ता
कहां देखें: थिएटर
क्या है कहानी: दृश्यम 2, फिल्म दृश्यम का सीक्वल है, जो 2015 में रिलीज हुई थी। फिल्म के दूसरे पार्ट को वैसे ही 7 साल बाद की कहानी के तौर पर दिखाया गया है। जहां चौथी क्लास फेल विजय सलगांवकर (अजय देवगन) अपनी पत्नी नंदिनी (श्रिया सरन), बेटी अंजू (इशिता दत्ता) और बेटी अन्नू (मृणाल जाधव) के साथ है, लेकिन उनके हालात काफी हद तक बदल चुके हैं। अब विजय एक थिएटर का मालिक है, अपनी फिल्म प्रोड्यूस करना चाहता है और उसके पास एक स्क्रिप्ट भी है। हालांकि बॉलीवुड फिल्मों को लेकर उसका शौक अब भी पहले जैसा ही है और कहानी को बयां करना उसे अच्छे से आता है। 7 साल पहले क्या हुआ था, ये सभी जानते हैं, 2-3 अक्टूबर की कहानी हर किसी की जुबां पर है। फिल्म के पहले पार्ट में दिखाया गया था कि अंजू और नंदिनी के हाथों सैम की मौत हो जाती है, जो गोवा की आईजी मीरा देशमुख (तबु) का बेटा था। इसके बाद विजय एक सच को छिपाने के लिए कई झूठ कहता है और आखिरकार सब ठीक हो जाता है। अब फिल्म के दूसरे पार्ट की शुरुआत होती है और दिखता है कि गोवा में एक नया आईज तरुण अहलावत (अक्षय खन्ना) आया है, जो केस को फिर से खोलता है और सुलझाकर विजय को जेल में डालना चाहता है। अब कैसे इस बार जांच आगे बढ़ती है, कैसे विजय खुद को और अपने परिवार को इससे बचाने की कोशिश करता है और वो ऐसा कर भी पाता है या नहीं… ये सब जानने के लिए आपको दृश्यम 2 देखनी होगी।
क्या कुछ है खास और कहां खाई मात: फिल्म के ओरिजनल मलयाली वर्जन को जीतू जोसेफ ने लिखा और डायरेक्ट किया था, जिन्हें इस बार भी पूरे नंबर मिलते हैं। फिल्म में डायलॉग्स- पंचलाइन्स से लेकर ह्यूमर और एक्सप्रेशन्स तक, सब कुछ बेहतरीन है और आपको निराश नहीं करता है। सिर्फ कहानी ही नहीं, फिल्म का स्क्रीनप्ले भी काफी बेहतरीन है, जिसका क्रेडिट आमिल कियान खान और पाठक को जाता है। फिल्म के स्लो मोशन और क्लोज अप शॉट्स, सीन्स को बढ़िया इंटेनसिटी देते हैं। फिल्म का स्ट्रॉन्ग प्वाइंट इसका दूसरा पार्ट है, जो आपको ताली बजाने और सीटी मारने पर मजबूर कर देता है। फिल्म में अजय देवगन ने एक बार फिर से दिल जीतने वाला काम किया है, उनका लुक वैसा ही है जैसे एक आम आदमी का करीब सात साल बाद हो सकता है। चेहरे से लेकर वजन तक, सब कुछ जस्टीफाइड लगता है। वहीं श्रिया के किरदार में ज्यादा बदलाव नहीं आया है, वो आज भी वही डरी सहमी से पत्नी है। विजय की छोटी बेटी का इस बार अधिक रोल नहीं है, जैसे कि पहले पार्ट में था। 2019 के बाद अक्षय खन्ना अब बड़े पर्दे पर नजर आए हैं, और उन्हें देखकर अच्छा लगता है। फिल्म में सौरभ शुक्ला भी हैं, जो शुरुआत के बाद ही सीधे क्लाइमैक्स में दिखते हैं और बड़ा बदलाव लाते हैं। फिल्म का पहला पार्ट थोड़ा स्लो है, जिस पर काम किया जा सकता था। जहां पहले पार्ट में तबु का काफी अहम रोल था, तो इस बार उनका रोल महज एक कैमियो ही रह जाता है, जो बेहतर हो सकता था। फिल्म में कुछ चीजें ऐसी भी हैं, जो थोड़ा बहुत खटकती हैं, जैसे मार्टिन की कैंटीन का एक दम पहले जैसा होना, या फिर फॉरेनसिक्स डिपार्टमेंट में सीसीटीवी का न होना। एक बार को आपके जेहन में ये भी सवाल आ सकता है कि क्या विजय और उसका परिवार पुलिस को पूरा सच बताते कि सैम ब्लैक मेल कर रहा था और कैसे ये हादसा हुआ, शायद इससे दोनों को इंसाफ मिलता।
देखें या नहीं: दृश्यम 2 में करीब- करीब वो सब कुछ है, जो इसे मजेदार फिल्म बनाती है। फिल्म को देखते हुए कुछ सवाल अगर आप आसानी से इग्नोर कर सकें तो ये एक अच्छी मसाला फिल्म है, जिसे आप परिवार के साथ बड़े पर्दे पर एन्जॉय कर सकते हैं।