Blood Pressure और Heart Rate को लेकर ना रखें ये गलतफहमी, जानें दोनों में क्या होता है अंतर
Blood Pressure Vs Heart Rate: अक्सर लोग यह मानते हैं कि ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट एक-दूसरे से संबंधित होते हैं लेकिन ऐसा मानना गलत है। यह सोचना कि यदि हमारा दिल सही धड़क रहा है और ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहेगा। ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां है, जिन्हें दूर करना जरूरी है। इस बारे में ज्यादा जानकारी दे रहे हैं डॉ. रोहित उपमन्यु –
दिल की असामान्य गति
सबसे पहली भ्रांति ये है कि जब दिल असामान्य गति से धड़तता है तो यह पैल्पिटेशन की स्थिति है, लेकिन ऐसी स्थिति में दिल का दौरा आने का खतरा नहीं होता है। अच्छी बात ये है कि सीने में ये सेंसेशन्स जीवन के लिए खतरा नहीं हैं और आमतौर पर कैफीन, शराब, दवा, तनाव या व्यायाम के कारण होती हैं।
तेज पल्स रेट
एक भ्रांति ये है कि जब पल्स रेट तेज होती है, तो इसका मतलब यह होता है कि आप ओवरस्ट्रेस्ड हैं। दरअसल, तनाव के दौरान पल्स रेट बढ़ जाता है।, लेकिन जब आप उत्तेजित महसूस करते हैं या कठिन व्यायाम करते हैं तो हार्ट रेट बढ़ जाता है। यहां तक कि उच्च तापमान और उच्च आर्द्रता भी हार्ट रेट को बढ़ा देती है।
तीसरा मिथक
एक भ्रांति ये है कि सामान्य हृदय गति सामान्य रक्तचाप को दर्शाती है, जबकि ऐसा नहीं है। इसे उदाहरण से समझ सकते हैं। जब आप गुस्सा महसूस करते हैं या कड़ी मेहनत करते हैं तो दोनों ही स्थिति में हार्ट रेट बढ़ सकता है या बीपी बढ़ सकता है। ये दोनों हमेशा आपस में लिंक नहीं होते हैं। यदि हृदय गति सामान्य है, तो जरूर नहीं कि आपका बीपी भी बढ़े।
चौथा मिथक
ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट एक ही चीज नहीं है। पल्स रेट और हार्ट रेट के बीच काफी अंतर होता है। रक्तचाप खून की नलिकाओं में रक्त के बल को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर हार्ट रेट एक मिनट में दिल की धड़कन की संख्या है।