Health Tips: अधिक स्मोकिंग के कारण खराब हो रहे युवाओं के दांत, समय पर हो जाएं सतर्क
HIGHLIGHTS
- दांतों की समस्या लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं युवा। इनमें स्मोकिंग करने वालों की संख्या ज्यादा।
- अब डेंटल इम्प्लांट तकनीक द्वारा टाइटेनियम के स्क्रू की मदद से फिक्स दांत लगाए जा सकते हैं।
- डेंटल इम्प्लांट को एक छोटी सी दर्द रहित प्रक्रिया द्वारा जबड़े की हड्डी में लगा दिया जाता है।
Health Tips: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। बदलते खानपान के कारण दांतों से संबंधित समस्या बढ़ने लगी है। अस्पतालों में भी दांतों से संबंधित समस्या लेकर आने वाले मरीजों की संख्या अब लगातार बढ़ रही है। सबसे अधिक स्मोकिंग करने वाले मरीज आ रहे हैं। इसके कारण अब युवा अवस्था में भी दांत गिर रहे हैं और डाक्टरों को खराब हो चुके दांतों को निकालना पड़ रहा है।
दंत रोग विशेषज्ञ डा. रूपाली देसाई के अनुसार, ऐसी स्थिति में जो दांत खराब हो जाते हैं, उन्हें निकलवाना जरूरी होता है, वरना पास के दांतों पर भी दुष्प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि अब इसके इलाज के लिए नई तकनीकें आ चुकी हैं। अब डेंटल इम्प्लांट तकनीक द्वारा टाइटेनियम के स्क्रू की मदद से फिक्स दांत लगाए जा सकते हैं।
अब दर्द रहित प्रक्रिया से लगाए जा सकते हैं दांत
कन्वेंशनल तकनीक में डेंटल इम्प्लांट को एक छोटी सी दर्द रहित प्रक्रिया द्वारा जबड़े की हड्डी में लगा दिया जाता है। करीब तीन महीने बाद उस पर फिक्स कैप लगा दी जाती है जो प्राकृतिक दांतों की तरह ही होती है। यदि मुंह के कैंसर, पायरिया या डायबिटीज के कारण मसूड़े के नीचे की हड्डी गल चुकी है तो भी नई तकनीक द्वारा जबड़े की निचली हड्डी मे इम्प्लांट कर फिक्स दांत 24 घंटे में लगाए जा सकते हैं।
इम्प्लांट के बाद भी दांतों की देखभाल जरूरी
जिन मरीजों के सभी दांत निकल चुके हैं उन्हें भी फिक्स दांत लगाए जा सकते हैं। लेकिन इम्प्लांट के बाद दांतों की देखभाल पर भी ध्यान देना जरूरी होता है। इम्प्लांट की मदद से दांत न होने से खानपान में आने वाली समस्या को खत्म किया जा सकता है और एक अच्छी मुस्कान पा सकते हैं।