Skin Care In Rainy Days: स्किन से जुड़ी समस्या से बचने के लिए, बारिश के मौसम में जरूर अपनाएं ये टिप्स

बरसात के मौसम में त्वचा से जुड़ी समस्याएं आम हो जाती हैं। इस मौसम में उमस बढ़ जाने के कारण स्किन पर एक्ने, एक्स्ट्रा ऑयल, डार्कनेस आदि समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए इस मौसम में त्वचा संबंधी इन परेशानियों से निजात पाने के लिए स्किन केयर रूटीन के साथ-साथ कुछ बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. बारिश से बचने के लिए रेनकोट व छाता का प्रयोग करें।
  2. पोषक तत्वों की उपलब्धता देने वाला भोजन ही करें।
  3. इस मौसम में घमौरी, फोड़े-फुंसी होना सामान्य बात है।

हेल्थ डेस्क, इंदौर। Skin Care in Rainy Days: वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पवन अग्रवाल के मुताबिक, बारिश के मौसम में अपने शरीर को बीमारियों से बचाए रखना जरूरी है। यह सब आपकी सावधानी और सजगता से ही संभव है, इसलिए बारिश से बचने के लिए रेनकोट व छाता का प्रयोग करें, दूषित पानी के संपर्क में आने से बचें, गीले कपड़े न पहनें, अधिक समय तक बारिश में न भीगें, बहुत गर्म पानी का उपयोग करने से बचें, खुले में पानी जमा न होने दें, पानी में अधिक समय तक न रहें, हाथ पैर की उंगलियों के बीच के स्थान को सुखाकर रखें।

त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा

गीले जूते, चप्पल का प्रयोग न करें, मौसमी फल व खान-पान करें। विटामिन सी, डी और दूसरे पोषक तत्वों की उपलब्धता देने वाला भोजन करें। हर्बल चाय का सेवन करें और सुबह शाम व्यायाम या सैर करें। बारिश में चर्म रोग की शिकायत तेजी से बढ़ती है। इस मौसम में घमौरी, फोड़े-फुंसी आदि होना सामान्य बात है। त्वचा संबंधी ये बीमारियां फंगल इंफेक्शन होती हैं, जो नमी की वजह से समस्या खड़ी कर देती हैं।

संक्रमण की संभावना अधिक

पानी में हाथ पैर अधिक समय तक रहने से त्वचा गलने लगती है। खुजली, लाल त्वचा और जलन होती है। मानसून में त्वचा संबंधी रोग की समस्या से बचाव के लिए बारिश में भीगने पर तुरंत कपड़े बदलें। इस मौसम में खुद को गीला होने से बचाएं, क्योंकि संक्रमण की संभावना सबसे अधिक रहती है। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखें।

डिस्क्लेमर

यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

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