Eye Care : कंजक्टिवाइटिस बहुत संक्रामक, तेजी से लेता है लोगों को चपेट में

Eye Care : यह दो प्रकार का होता है, वायरल व बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस। वायरल कंजक्टिवाइटिस के अधिकतर मामले एडेनोवायरस के कारण होते हैं।

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जबलपुर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. पवन स्थापक बोले- सावधान, आ गया कंजक्टिवाइटिस का मौसम।

 

 वर्षा के मौसम में कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। वर्षा का मौसम संक्रमण के अनुकूल होता है इसलिए इन दिनों कंजक्टिवाइटिस की समस्या बढ़ जाती है। असल में आंखे बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती हैं। थोड़ी सी परेशानी में लक्षण दिखाई देने लगते हैं। आंखे आना या पिंक आई आंखों से जुड़ी एक सामान्य समस्या है, जिसे चिकित्सीय भाषा में कंजक्टिवाइटिस कहते हैं। यह काफी संक्रामक होता है, और बहुत तेजी से दूसरे लोगों में भी फैल सकता है।

आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है

हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजक्टिवा होती है जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है। इसमें सूजन आना या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं। कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है। यह दो प्रकार का होता है, वायरल व बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस। वायरल कंजक्टिवाइटिस के अधिकतर मामले एडेनोवायरस के कारण होते हैं।

अक्सर एक आंख से कुछ दिनों में दूसरी आंख में भी फैल जाता

हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस, वैरिसेला जोस्टर वायरस से हो सकता है। वायरल कंजक्टिवाइटिस अक्सर एक आंख में होता है, कुछ दिनों में दूसरी आंख में भी फैल जाता है। वहीं बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस कुछ बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। वायरस और बैक्टीरिया दोनों से ही होने वाला कंजक्टिवाइटिस संक्रामक होता है। संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले डिस्चार्ज के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने के द्वारा यह फैल सकता है। संक्रमण एक या दोनों आंखों में हो सकता है।

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