छात्र चाहेंगे तो 3 वर्ष में मिल जाएगी ग्रेजुएशन की डिग्री

बिहार राजभवन ने स्पष्ट किया है कि जो छात्र मात्र स्नातक की डिग्री पाना चाहते हैं, उन्हें 6 सेमेस्टर यानी 3 वर्षों में स्नातक की डिग्री मिल जाएगी। चतुर्थ वर्ष का विकल्प उन छात्रों के लिए है जो उच्चतर शिक्षा या विदेशों में पढ़ाई के लिए नामांकन लेना चाहते हैं। इस संबंध में राज्यपाल के प्रधान सचिव आर एल चोग्थू ने शुक्रवार को सूचना जारी की है। 2022-23 सत्र से राज्य के सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों में सीबीसीएस और सेमेस्टर सिस्टम लागू हो रहा है। 

राजभवन के अनुसार च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम और सेमेस्टर सिस्टम में भी स्नातक की डिग्री 4 वर्षों की नहीं, बल्कि 3 वर्षों और 6 सेमेस्टर की है। यह विकल्प भी सिर्फ वे छात्र ले सकेंगे, जो तीन वर्षों में निर्धारित ग्रेड से ऊपर का ग्रेड प्राप्त किए हों। चार वर्ष के बाद उन्हें रिसर्च सहित स्नातक की डिग्री मिलेगी। यही नहीं, जो छात्र 3 साल में स्नातक की डिग्री हासिल करेंगे, उनके लिए स्नातकोत्तर डिग्री 2 साल और 4 सेमेस्टर का होगा।

आपको बता दें कि बिहार के विश्वविद्यालयों के लिए चार वर्षीय स्नातक कोर्स का पाठ्यक्रम और प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इसके मुताबिक सभी विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम और शुल्क सामान होगा। नए पाठ्यक्रम और प्रारूप को इसी सत्र 2023-27 से लागू किया जाएगा। चार वर्षीय स्नातक कोर्स 8 सेमेस्टर में पूरा होगा और इसके लिए 160 क्रेडिट तय किया गया है। प्रत्येक सेमेस्टर 20 क्रेडिट का होगा। छात्रों को अंतिम वर्ष के सातवें सेमेस्टर में पहुंचने तक 7.5 सीजीपीए प्राप्त करना होगा। नए नियम के अनुसार क्रेडिट को उपस्थिति से भी जोड़ दिया गया है। छात्रों की 75 उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई

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