गुलाम नबी आजाद की पार्टी में फूट, 3 संस्थापक सदस्य बाहर, कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल
श्रीनग. कांग्रेस से अलग होकर नया दल बनाने वाले गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) में तनाव नजर आ रहा है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते तीन वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। आजाद ने करीब 50 सालों तक कांग्रेस का सदस्य रहने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
पार्टी के अध्यक्ष आजाद ने तारा चंद, डॉक्टर मनोहर लाल और बलवान सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। खास बात है कि ये तीनों नेता डीएपी के संस्थापक सदस्य थे। साथ ही उन्हें आजाद का भी भरोसेमंद माना जाता था। करीब एक सप्ताह पहले ही आजाद ने पार्टी के पदाधिकारियों के नामों का ऐलान किया था। उस दौरान तारा चंद को उपाध्यक्ष और शर्मा और सिंह को महासचिव बनाया गया था।
26 सितंबर को लॉन्च हुई पार्टी के महासचिव रजेंद्र सिंह छिब ने एक अखबार से बातचीत में इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी प्रमुख को पता था कि तीनों नेता पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में शामिल थे और उनके दूसरी पार्टियों से भी संबंध थे। उन्होंने कहा, ‘उन्हें उनके काम के तरीकों में सुधार और पार्टी विरोधी गतिविधियों को छोड़ने के लिए कहा गया था। लेकिन वे अपने कामों को सही ठहराने के लिए ठोस वजह पेश नहीं कर सके।’
उन्होंने कहा, ‘पार्टी में पद दिए जाने के बाद भी वे पार्टी की उम्मीदों के अनुसार काम नहीं कर रहे थे।’ हालांकि, बाहर किए गए नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की बातों से इनकार कर रहे हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद का कहना है, ‘मैं आजाद के साथ लंबे समय से जुड़ा हुआ हूं। जब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने का फैसला किया था, तो हमने उनके साथ शामिल होने का फैसला किया, क्योंकि वो उनके लिए कठिन समय था और वह अकेले थे।’ उन्होंने कहा, ‘हमने आजाद से कहा था कि जम्मू और कश्मीर की सेक्युलर ताकतें बंट रही हैं और यह जम्मू और कश्मीर के लिए अच्छा नहीं है। हमने उन्हें बताया कि हमें सेक्युलर ताकतों को एकजुट करना चाहिए और साथ काम करना चाहिए। जब हमारी बातचीत हो रही थी, तो हमें निष्कासित कर दिया।’
आगे की तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा, ‘जब हमने कांग्रेस से इस्तीफा देकर डीएपी ज्वाइन की थी, तो हम पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायाक, एमएलसी और वरिष्ठ नेताओं समेत 64 नेता था।’ चंद ने कहा, ‘बड़ी संख्या में नेता हमारे साथ हैं। हम साथ बैठेंगे और हमारी भविष्य की रणनीति पर काम करेंगे।’ उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की संभावनाओं से इनकार किया है। कहा जा रहा है कि वह अन्य नेताओं के साथ दोबारा कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।