जहरीली शराब कांड : प्रशासन की पहली कार्रवाई, SDPO का ट्रांस्फर, SHO और कांस्टेबल को किया सस्पेंड

छपरा में जहरीली शराब पीने से अभी तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है. मामले में पुलिस प्रशासन के द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए मढ़ौरा एसडीपीओ योगेंद्र कुमार का ट्रांस्फर कर दिया गया है. वहीं एसएचओ रितेश मिश्रा और पुलिस कांस्टेबल विकेश तिवारी के सस्पेंड कर दिया गया है. पुलिस जांच में पता चला है कि जहरीली शराब की सप्लाइ मशरक के जद्दू मोड़ के पास की एक बस्ती से हुई थी. लोगों को सस्ते दाम पर केवल 20-20 रुपये में शराब पिलाया गया. मामले में अभी तक पुलिस ने 40 शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस शराब के मेन सप्लायर को भी गिरफ्तार कर लिया है. उम्मीद है कि पूछताछ में कई बड़े राज खुल सकते हैं.
बताया जा रहा है कि मौत के सौदागरों ने मशरक के जद्दू मोड़ के पास की एक बस्ती से शराब की सप्लाई की. इसके बाद आसपास के तीन से चार किमी के इलाके में लोगों ने जमकर शराब पी. डीएम राजेश मीणा व एसपी संतोष कुमार ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि सारण जिले के इसुआपुर के डोईला, मशरक के यादोपुर, मढ़ौरा के हसनपुर एवं अमनौर हुसेपुर में संदिग्ध परिस्थिति में जहरीले पदार्थ से लोगों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि मेन सप्लायर हरिराम महतो और उनके पुत्र सूरज महतो को गिरफ्तार कर पुलिस सख्ती से पूछताछ कर रही है. इसके साथ ही इलाके में कई जगह जेसीबी से शराब की तलाश में खुदाई भी की गयी है.
शराब कांड में मारे गए कई लोगों के परिजनों का कहना है कि उनके मरीज की मौत किसी अन्य बीमारी के कारण हुई है. हालांकि, बाद में पूछने पर एक ने बताया कि परिजन की मौत तो हो गयी है. शराब की बात सामने आएगी तो सामाजिक परेशानी के साथ ही, पुलिस का चक्कर भी लंबा लगेगा. ऐसे में हम बीमारी से बाते की बात कह रहे हैं. वहीं, पुलिस प्रशासन इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर रही है. पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि मामले में पुलिस की जांच अभी चल रही है. बिना जांच के कुछ भी कहना इस संदिग्ध मामले में काफी गलत हो सकता है. घटना के बाद से ही, सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है.

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